भोपाल मेट्रो के लिए बड़ा अपडेट सामने आया है। कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) ने तीन स्तर के विस्तृत निरीक्षण के बाद प्रायोरिटी कॉरिडोर को हरी झंडी दे दी है। सुभाषनगर से एम्स तक के इस हिस्से को सुरक्षित और संचालन योग्य मानते हुए रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी गई है। अब अंतिम निर्णय केंद्र से हरी झंडी मिलने पर निर्भर है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, दिसंबर में ही भोपाल मेट्रो का पहला कमर्शियल रन शुरू हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लोकार्पण के लिए संभावित तिथि पर जल्द फैसला ले सकते हैं। यह कार्यक्रम प्रत्यक्ष होगा या वर्चुअल इस पर मंथन जारी है। इंदौर मेट्रो की तरह ही यहां भी पीएम मेट्रो के पहले यात्री बनने की संभावना जताई जा रही है।
लॉन्चिंग के साथ ही डिजिटल टिकटिंग उपलब्ध नहीं होगी। टिकट संग्रह का ठेका तुर्किए की कंपनी से रद्द होने के बाद नई एजेंसी नियुक्त होने तक मैनुअल टिकटिंग ही लागू रहेगी। इंदौर मेट्रो में भी वर्तमान में यही व्यवस्था है।
3 दिन तक कड़ी जांच
CMRS टीम ने 13 से 15 नवंबर तक डिपो, ट्रैक, सिग्नलिंग, ब्रेकिंग सिस्टम, फायर सेफ्टी और पावर सप्लाई जैसी सभी तकनीकी व्यवस्थाओं की गहन जांच की। सुभाषनगर से एम्स तक के आठों स्टेशनों पर पैसेंजर सुविधाओं से लेकर सुरक्षा मानकों तक हर बिंदु को खंगाला गया। आरकेएमपी स्टेशन पर टीम ने पानी बहाकर ट्रैक की ढलान और ड्रेनेज सिस्टम भी परखा। मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि स्टेशनों पर कुछ सिविल और इंटीरियर कार्य अभी बाकी हैं, लेकिन यह कमर्शियल रन में बाधा नहीं डालते। ट्रेनों, ट्रैक और नियंत्रण तंत्र से जुड़े सभी अनिवार्य कार्य पूरे किए जा चुके हैं।
अगले चरण पर फोकस
पहले चरण में प्रायोरिटी कॉरिडोर शुरू होने के बाद मेट्रो टीम पूरा ध्यान ऑरेंज लाइन के अगले हिस्से सुभाषनगर से करोंद पर देगी। इसके साथ ही, ब्ल्यू लाइन के भदभदा से रत्नागिरी तक का कार्य भी गति पकड़ेगा।
क्या-क्या देखा CMRS ने?
- रोलिंग स्टॉक और डिपो
- सभी 8 स्टेशन की संरचनाएं
- ट्रैक, टर्नआउट, सिग्नलिंग
- फायर सेफ्टी और इमरजेंसी सिस्टम
- एस्केलेटर, लिफ्ट, पब्लिक एड्रेस
- थर्ड रेल पावर सप्लाई और कंट्रोल रूम सिस्टम
PMO से डेट
रिपोर्ट मिलते ही मेट्रो कॉरपोरेशन ने सरकार को सूचित कर दिया है कि वे कमर्शियल रन के लिए तैयार हैं। अब प्रधानमंत्री कार्यालय से तिथि तय होते ही भोपाल मेट्रो यात्रियों के लिए खुल जाएगी।
