MP विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन सिंगरौली में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई का मुद्दा पूरे सत्र पर हावी रहा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि करीब 6 लाख पेड़ों की कटाई अवैध तरीके से की जा रही है और इससे “अडाणी समूह को लाभ पहुंचाने” की मंशा झलकती है। इस आरोप ने सदन का माहौल शुरुआत से ही गर्म कर दिया। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब देते हुए वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार संतोषजनक तथ्यों के साथ सदन को आश्वस्त नहीं कर पाए। विपक्ष ने उन्हें कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार मुद्दे को टाल रही है। इस बीच मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने समर्थन में कहा कि सिंगरौली में आदिवासियों की संख्या कम है, जिसके बाद कांग्रेस के विधायक नाराज़ हो गए और सदन में तीखी बहस शुरू हो गई।
विजयवर्गीय के बयान के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन के बीचोंबीच नारे लगाते हुए वॉकआउट कर दिया। माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि विधानसभा अध्यक्ष को बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार “वन कानूनों और आदिवासी अधिकारों” को नजरअंदाज कर रही है।
जनता देख रही कौन जिम्मेदार: CM
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस हंगामे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सत्र के अंतिम दिन यह स्पष्ट हो गया कि जनता की बातों के प्रति कौन सदस्य गंभीर है और कौन सिर्फ राजनीतिक नाटकीयता कर रहा है। उन्होंने सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा कई बार सकारात्मक भूमिका निभाने की भी बात कही। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि सिंगरौली में पेड़ों की कटाई वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि विधानसभा की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए ताकि जनता के मुद्दों पर पर्याप्त चर्चा हो सके।
अहिरवार की सफाई
वन राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि 2672 हेक्टेयर क्षेत्र में कटाई केंद्र सरकार की अनुमति से हो रही है और नियमों के अनुसार जितने पेड़ काटे जाएंगे उतने ही लगाए भी जाएंगे, लेकिन विपक्ष इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हुआ। सिर्फ पर्यावरण का मुद्दा ही नहीं, कांग्रेस ने सरकार पर 74,000 करोड़ के कर्ज, जल जीवन मिशन में घोटाले और हेलिकॉप्टर किराए पर करोड़ों खर्च करने का भी आरोप लगाया। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने जवाब दिया कि यह कर्ज नहीं, निवेश है, जिससे प्रदेश का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा।
सदन में लिए गए अन्य अहम निर्णय
- जबलपुर-मंडला के बीच नई ट्रेन को मंजूरी
- सागर के नरयावली और जरूआखेड़ा में सुपरफास्ट ट्रेन के स्टॉपेज की स्वीकृति
- देवरी का नाम बदलकर देवपुरी करने का प्रस्ताव खारिज
- आरजीपीवी में वित्तीय अनियमितताओं की जांच की मांग पर चर्चा
