इंदौर घूमने आए दिल्ली के यात्री अक्षय मेहरोत्रा शुक्रवार शाम जैसे ही एयरपोर्ट पहुंचे, उन्हें पता चला कि उनकी फ्लाइट रद्द कर दी गई है। परिवार के साथ लौटने की तैयारी कर चुके अक्षय बताते हैं कि एयरलाइन ने किसी तरह की मदद नहीं की। करीब आधे घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद कहा गया कि या तो रिफंड ले लें या सोमवार की फ्लाइट पकड़ें। एयरलाइन की ओर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था या री-शेड्यूलिंग प्लान उपलब्ध नहीं था।
कई यात्रियों के कार्यक्रम बिगड़े
इंदौर एयरपोर्ट पर ऐसे यात्री बड़ी संख्या में दिखे जिनकी यात्रा योजनाएँ अचानक खतरे में पड़ गईं। किसी को परिवारिक कार्यक्रम में शामिल होना था, किसी का इंटरव्यू था, तो कोई मेडिकल अपॉइंटमेंट के लिए यात्रा कर रहा था, लेकिन फ्लाइट रद्द होने की वजह से अब इंतजार ही एकमात्र विकल्प रह गया है। वहीं, दूसरी एयरलाइनों में सीटें सीमित होने और किराए अचानक कई गुना बढ़ जाने से यात्रियों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ गया है।
150 से ज्यादा फ्लाइटें रद्द
इंदौर इसका सबसे बड़ा केंद्र रहा, जहां करीब 100 उड़ानें तीन दिन में रद्द हुईं। शुक्रवार को भोपाल में 18 और जबलपुर में 5 उड़ानें बंद करनी पड़ीं। यात्रियों के लिए यह हालात तब बने जब देशभर में इंडिगो की 1000 से ज्यादा उड़ानें ठप पड़ गईं, जिसकी सीधी मार सभी बड़े एयरपोर्ट्स पर देखने को मिली। इंडिगो के अनुसार फ्लाइट्स रद्द होने की बड़ी वजह क्रू मेंबर्स की अचानक कमी है। पायलटों और क्रू को आराम देने से जुड़े नए नियम लागू होने के बाद एयरलाइन के संचालन पर बड़ा असर पड़ा है। इसके चलते कई क्रू मेंबर्स ड्यूटी से बाहर हो गए और निर्धारित समय से अधिक काम नहीं कर पाए।
DGCA ने दो चरणों में लागू की थी गाइडलाइन
1 नवंबर से लागू किए गए DGCA के फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के दूसरे चरण ने एयरलाइन कंपनियों के लिए चुनौती बढ़ा दी है। ये नियम यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्रू को पर्याप्त आराम देने पर जोर देते हैं। जुलाई में पहला चरण लागू हुआ था और नवंबर से अधिक सख्त प्रावधान प्रभाव में आ गए। इंडिगो सहित कई कंपनियाँ अभी नए मानकों के अनुरूप क्रू उपलब्धता सुनिश्चित नहीं कर पा रही हैं। ग्राउंड स्टाफ के अनुसार, अगले 72 घंटे तक इंडिगो की स्थिति स्थिर होने की संभावना कम है। जिन यात्रियों को तुरंत यात्रा करनी है, उनके पास सीमित उड़ानों पर महंगे टिकट खरीदने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। वहीं, एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों की शिकायत है कि ना तो एयरलाइन की ओर से उचित जानकारी दी जा रही है और ना ही वैकल्पिक व्यवस्था।
