भोपाल में विभागीय निरीक्षण व्यवस्था को डिजिटल और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। “परख एप” के उपयोग को लेकर 8 दिसंबर की शाम 5 बजे संभागायुक्त कार्यालय के सभागार में व्यापक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और इसकी मॉनिटरिंग स्वयं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी कर रहे हैं। संयुक्त आयुक्त (विकास) डॉ. विनोद यादव ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य सभी संभागीय अधिकारियों को अधीनस्थ संस्थाओं के निरीक्षण में तकनीक आधारित कार्यप्रणाली अपनाने के लिए तैयार करना है।
उन्होंने कहा कि अब निरीक्षण रिपोर्ट से लेकर फील्ड मॉनिटरिंग तक की सारी प्रक्रिया “परख एप” के माध्यम से की जाएगी, जिससे न केवल दक्षता बढ़ेगी बल्कि जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।
अधीनस्थ संस्थाओं के निरीक्षण में एप अनिवार्य
प्रशासन का मानना है कि अभी तक निरीक्षण कार्यों में काफी समय लगता था और डेटा का संकलन भी चुनौतीपूर्ण था। “परख एप” के जरिए अधिकारियों को अपने-अपने विभागों से जुड़ी अधीनस्थ संस्थाओं की स्थिति का वास्तविक समय पर मूल्यांकन करने में आसानी होगी। इसमें फोटो अपलोड, लोकेशन ट्रैकिंग, निरीक्षण रिपोर्ट और त्वरित फीडबैक जैसी सुविधाएं शामिल हैं, जो काम को और व्यवस्थित करेंगी।
प्रशिक्षण के लिए जारी निर्देशों में साफ कहा गया है कि सभी संभागीय अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। प्रशासन ने इसे एक महत्वपूर्ण सत्र बताते हुए कहा है कि अनुपस्थित अधिकारी बाद में किसी भी तरह की असुविधा या तकनीकी समस्या के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे। यह कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि आने वाले महीनों में विभागीय निरीक्षणों में इस एप का व्यापक उपयोग शुरू हो जाएगा।
डिजिटल मॉनिटरिंग से बढ़ेगी पारदर्शिता
अधिकारियों के अनुसार, “परख एप” पर आधारित यह प्रणाली राज्य में निरीक्षण व्यवस्था को एक नई दिशा देगी। पारंपरिक कागजी प्रक्रियाओं की जगह डिजिटल ट्रैकिंग से कार्य की गति बढ़ेगी और किसी भी गड़बड़ी का पता लगाना आसान होगा। इससे शासन को फील्ड स्तर पर वास्तविक स्थिति जानने में मदद मिलेगी और सुधारात्मक कदम समय रहते उठाए जा सकेंगे। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह प्रयास सिर्फ एक ऐप आधारित बदलाव नहीं, बल्कि व्यवस्थागत सुधार का हिस्सा है। सरकार चाहती है कि जिला और संभाग स्तर पर योजनाओं व संस्थाओं की निगरानी सटीक और प्रभावी हो। “परख एप” उसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिसके सफल होने पर इसे अन्य विभागों में भी विस्तारित किया जा सकता है।
