सतना जिले के स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर सिक्योरिटी सर्विसेज, लांड्री, कैंटीन और केमिकल सप्लाई जैसे कई अहम कामों में भारी अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। सूत्रों का दावा है कि पिछले 12 वर्षों से एक ही व्यक्ति अलग-अलग कंपनी नामों के जरिए करोड़ों के ठेके हासिल करता आ रहा है।
जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कामधेनु, ब्लू स्काई और आराध्या नाम की तीन कंपनियाँ अलग-अलग मालिकों के नाम पर रजिस्टर्ड जरूर हैं, लेकिन इन्हें संचालित एक ही व्यक्ति करता है। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से हर बार टेंडर इन्हीं कंपनियों के भीतर घुमाए जाते हैं। आरोप यह भी है कि हर नए वित्तीय वर्ष में केवल कंपनी का नाम बदला जाता है, सिस्टम वही चलता रहता है।
मिलीभगत का आरोप
सूत्र बताते हैं कि इन कंपनियों से जुड़े लोग विभागीय अधिकारियों को हर महीने मोटी रकम पहुंचाते हैं, ताकि टेंडर प्रक्रिया उन्हीं के मुताबिक तैयार की जा सके। आउटसोर्स कर्मचारियों से वसूली, ईपीएफ की हेराफेरी और सामग्री सप्लाई में कम गुणवत्ता जैसे मामलों में भी करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार होने का दावा किया जा रहा है। हाल ही में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नया टेंडर बुलाया गया था। आरोप है कि टेंडर की शर्तें इस तरह तैयार की गईं कि केवल ब्लू स्काई और कामधेनु ही पात्र दिखें। दोनों कंपनियों को कागजों में भले ही अलग-अलग बताया गया है, लेकिन दोनों का संचालन एक ही व्यक्ति करता है। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि परिणाम पहले से तय किए जा चुके हैं।
परियोजनाओं में गुणवत्ता
आरोपों के अनुसार अस्पतालों में दी जा रही सिक्योरिटी सर्विसेज से लेकर लांड्री और कैंटीन तक कई कार्यों में गुणवत्ता की गंभीर कमी है। कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलना, यूनिफॉर्म और सुरक्षा उपकरणों का अभाव और केमिकल सप्लाई में कम गुणवत्ता की सामग्री जैसी शिकायतें लंबे समय से उठ रही थीं। घोटाले की गंभीरता को देखते हुए अब मामले को लोकायुक्त तक ले जाने की तैयारी चल रही है। शिकायतकर्ता सभी दस्तावेज़, टेंडर कॉपी, भुगतान रिकॉर्ड और ईपीएफ संबंधी डेटा जुटा रहे हैं। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में शिकायत दर्ज कर दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों पर कार्रवाई की संभावना से प्रशासनिक हलकों में हलचल है।
