MP सरकार ने राज्य के सभी विधायकों के आवास या कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) रूम बनाने के लिए 5-5 लाख रुपए का फंड जारी किया है। उद्देश्य यह है कि विधायक जिलों, विभागों और जनता से ऑनलाइन संवाद कर सकें। लेकिन इस प्रक्रिया की शुरुआत होते ही विवाद खड़ा हो गया। कई विधायक इस बात से नाराज़ हैं कि यह काम उनके बजाय कलेक्टरों और केंद्रीकृत एजेंसी के माध्यम से करवाया जा रहा है।
विधायकों की नाराजगी
बीजेपी विधायक दल की बैठक में कई विधायकों ने खुलकर असंतोष जताया। आलोट से विधायक चिंतामणि मालवीय और चित्रकूट विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार ने कहा कि जब VC रूम उनके कार्यालय में बनना है तो यह अधिकार भी उन्हें होना चाहिए कि कौन सा उपकरण लगवाया जाए। विधायकों का आरोप है कि अगर काम प्रशासन करेगा, तो “सबसे सस्ता” और संभवत: “चाइनीज सामान” लगाया जाएगा, जो लंबे समय तक नहीं टिकेगा।
विधायक गहरवार की CM से अपील
चित्रकूट विधायक गहरवार ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि अच्छे और भारतीय ब्रांड्स का उपकरण उपलब्ध कराया जाए। उनका कहना था कि अगर अधिकार विधायकों को दिए जाएँ, तो वे खुद गुणवत्तापूर्ण सामग्री खरीदकर बिल प्रस्तुत कर देंगे। गहरवार का आरोप है कि प्रशासनिक प्रक्रिया सस्ती सामग्री को बढ़ावा देगी, जिसे वे जनता के काम पर असर डालने वाला कदम मानते हैं।
कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस मुद्दे पर और तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कई विधायकों की जानकारी के बिना ही उनके घर या कार्यालय में सामान रखकर दिया जा रहा है। सिंघार का आरोप है कि इसमें अधिकारी, सप्लायर और ठेकेदार “कमीशन गेम” चला रहे हैं। उन्होंने इसे “बड़े घोटाले की तैयारी” बताया और कहा कि घटिया सामग्री टिकाऊ नहीं होगी।
“लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन”
बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे ने कहा कि यह विधायक के अधिकारों का उल्लंघन है। उनका कहना है कि जिस कार्यालय में वे जनता से मिलेंगे, उसकी व्यवस्था तय करने का अधिकार विधायक को ही मिलना चाहिए। उन्होंने आशंका जताई कि थर्ड-क्लास चाइनीज सामान लगकर पूरा सेटअप बेकार साबित हो जाएगा। जारी दस्तावेज के अनुसार, VC रूम में ऑल-इन-वन 4K वीडियो बार, ऑटो फ्रेमिंग कैमरा, 4-6 माइक्रोफोन ऐरे, 43 इंच का 4K स्मार्ट टीवी, हाई-स्पीड SSD वाला डेस्कटॉप PC, वायरलेस कीबोर्ड-माउस और 1 KVA UPS लगाया जाएगा। साथ ही 100-150 प्रतिभागियों वाली मीटिंग सपोर्ट करने वाला क्लाउड प्लेटफॉर्म भी दिया जाएगा, जिसमें 1 TB स्टोरेज शामिल है।
विधायकों का काम होगा आसान
VC रूम तैयार होने पर विधायक बिना यात्रा किए विभागीय अधिकारियों, कलेक्टर-एसपी और जनता से ऑनलाइन मीटिंग कर सकेंगे। इससे समय और संसाधन दोनों की बचत होगी। हालांकि फिलहाल विवाद यह है कि इस तकनीकी सुविधा का नियंत्रण किसके हाथ में रहेगा-सरकार या खुद विधायक?
