विश्व | चीन एक बार फिर वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है। इस बार मच्छर से फैलने वाला ‘चिकनगुनिया वायरस’ (CHIKV) तेजी से फैल रहा है, जिसने देश के कई जिलों में हजारों लोगों को संक्रमित कर दिया है। वायरस से पीड़ित मरीजों में तेज बुखार, सिरदर्द और जोड़ों में तेज दर्द जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। हालात को गंभीर देखते हुए चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आपातकालीन अभियान शुरू कर दिया है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। कोरोना महामारी के बाद यह एक और स्वास्थ्य संकट के रूप में देखा जा रहा है।
चीन, जहां से पहले कोरोना वायरस फैला था, अब एक और नए वायरस के प्रकोप का सामना कर रहा है। इस बार यह प्रकोप मच्छर जनित ‘CHIKV वायरस’ यानी चिकनगुनिया के कारण हुआ है। यह वायरस चीन के कई जिलों में तेजी से फैल रहा है और अब तक हजारों लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं।
हॉन्गकॉन्ग में चिकनगुनिया अलर्ट जारी
हॉन्गकॉन्ग में भी इस वायरस को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। चीन के कई जिलों में चिकनगुनिया वायरस के तेजी से फैलने के कारण न केवल वहां अलर्ट जारी किया गया है, बल्कि इसके प्रभाव को देखते हुए हॉन्गकॉन्ग में भी स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर अलर्ट जारी कर दिया है। स्थानीय प्रशासन लोगों को मच्छर जनित इस बीमारी से बचाव के उपायों को अपनाने और लक्षणों को पहचानने के लिए जागरूक कर रहा है। इससे पूरे क्षेत्र में चिंता का माहौल बन गया है।
CHIKV वायरस क्या है?
चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है जो CHIKV (चिकनगुनिया वायरस) के कारण होती है और यह मादा मच्छर, विशेष रूप से एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस के काटने से फैलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यह वायरस संक्रमित व्यक्ति को तेज़ बुखार और गंभीर जोड़ों के दर्द से प्रभावित करता है, जो कई बार लंबे समय तक बना रहता है। इसके लक्षणों में सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों की सूजन और थकावट भी शामिल हो सकते हैं। बरसात के मौसम में मच्छरों की संख्या बढ़ने के कारण इस वायरस के फैलने की संभावना और अधिक हो जाती है, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है। इसलिए इस मौसम में विशेष सतर्कता बरतना आवश्यक है।
दुनिया भर में 2 लाख से अधिक केस
दुनिया भर में चिकनगुनिया वायरस के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अगर 2025 की बात करें, तो अब तक 2,20,000 से अधिक केस दर्ज किए जा चुके हैं। ये आंकड़े यह दर्शाते हैं कि यह मच्छर जनित बीमारी अब केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और विभिन्न देशों की स्वास्थ्य एजेंसियां इस संक्रमण को रोकने के लिए लगातार निगरानी और रोकथाम के उपायों पर जोर दे रही हैं। साफ-सफाई, मच्छरों से बचाव और समय पर इलाज जैसे कदम इस बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए बेहद जरूरी हो गए हैं।