विश्व | दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया इस समय भीषण बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं। पाकिस्तान में भारी मानसूनी बारिश ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है, जबकि उत्तरी चीन में अचानक आई बाढ़ से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दोनों देशों में बचाव और राहत कार्य लगातार जारी हैं, लेकिन खराब मौसम और क्षतिग्रस्त सड़कों के चलते राहत दलों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ की मार झेल रहे हैं। पाकिस्तान में जारी मानसूनी बारिश ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है और हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं।
भारी बारिश की चेतावनी
पाकिस्तान के मौसम विभाग ने 17 से 21 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के मुताबिक, 26 जून से अब तक करीब 650 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा तबाही खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुई है, जहां 327 लोग मारे गए, जिनमें से अकेले बुनेर जिले में ही 200 से अधिक मौतें दर्ज की गईं। अब तक 137 लोग घायल हुए हैं और आशंका है कि कई लोग अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं। राहत और बचाव कार्यों में 2000 से ज्यादा रेस्क्यू वर्कर्स जुटे हुए हैं, लेकिन पुल और सड़कें बह जाने से ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं। इस बीच पाकिस्तानी सेना की USAR (Urban Search & Rescue) टीम आधुनिक उपकरणों के साथ राहत कार्यों को तेज करने में लगी हुई है।
मंगोलिया में बाढ़ का कहर
चीन के आंतरिक मंगोलिया क्षेत्र के बयन्नूर शहर के उडद रियर बैनर इलाके में एक शिविर स्थल अचानक आई बाढ़ की चपेट में आ गया। इस हादसे में 13 लोग लापता हुए, जिनमें से 9 की मौत की पुष्टि हो चुकी है, एक व्यक्ति को सुरक्षित बचा लिया गया है, जबकि 3 लोग अभी भी लापता हैं। घटनास्थल पर 700 से अधिक बचावकर्मी तैनात किए गए हैं और लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान तेज कर दिया गया है। स्थिति को संभालने के लिए चीन के आपातकालीन प्रबंधन मंत्रालय ने एक विशेष कार्यदल भी मौके पर भेजा है।
राहत अभियान जारी
दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं। पाकिस्तान में मानसूनी बारिश ने अब तक सैकड़ों लोगों की जान ले ली है, वहीं चीन के उत्तरी हिस्से में अचानक आई बाढ़ से भी जनहानि हुई है। दोनों देशों में हालात गंभीर बने हुए हैं और प्रभावित इलाकों में बचाव तथा राहत कार्य लगातार जारी हैं। भारी बारिश, टूटी सड़कों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद बचावकर्मी दिन-रात लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और मदद उपलब्ध कराने में जुटे हुए हैं।