नई दिल्ली | संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की सरकार ने विदेशियों को स्थायी निवास देने के लिए एक नया और आकर्षक कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम को गोल्डन वीज़ा प्रोग्राम को नोमिनेशन के आधार पर शुरू किया गया है, जो पारंपरिक नियमों जैसे महंगी संपत्ति खरीद या बड़े पैमाने पर निवेश की शर्तों से अलग है। इस योजना के तहत योग्य विदेशी नागरिक केवल 23 लाख रुपये (लगभग 100,000 दिरहम) के खर्च में यूएई में स्थायी निवास प्राप्त कर सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि इस योजना के पहले लाभार्थियों में भारतीय और बांग्लादेशी नागरिकों को प्राथमिकता दी जा रही है।
यूएई का यह कदम भारत के नागरिकों के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि भारतीय, यूएई में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बनाते हैं। इस वीज़ा योजना के जरिए पेशेवरों, प्रतिभाशाली युवाओं और मध्यम वर्गीय निवेशकों को यूएई में बसने का सुनहरा अवसर मिलेगा।
क्या है नया गोल्डन वीज़ा?
गोल्डन वीज़ा UAE का एक लॉन्ग-टर्म रेजीडेंसी वीज़ा है, जो विदेशी नागरिकों को 10 साल या आजीवन रहने और काम करने की सुविधा देता है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने गोल्डन वीज़ा की नई रूपरेखा लॉन्च की है, जो पहले की तुलना में कहीं ज्यादा समावेशी और सुलभ है। पहले यह वीज़ा केवल अरबपति निवेशकों, संपत्ति खरीदारों या हाई-नेट वर्थ व्यक्तियों के लिए होता था, लेकिन अब इसे आम पेशेवरों के लिए भी खोला गया है। अब इस वीज़ा को एक बार लेने के बाद बार-बार रिन्यू कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अब किसी भी व्यक्ति को UAE सरकार या किसी मान्यता प्राप्त संस्था से नामांकित (Nominated) किया जा सकता है। सिर्फ 23 लाख रुपये (लगभग AED 100,000) के कुल खर्च में वीज़ा मिल सकता है। अब यह वीज़ा डॉक्टरों, इंजीनियर्स, आईटी प्रोफेशनल्स, टीचर्स, नर्सेस, कंटेंट क्रिएटर्स, यॉट ओनर्स, और ई-स्पोर्ट्स प्लेयर्स के लिए भी उपलब्ध है।
भारत को मिला खास दर्जा
भारत को UAE के गोल्डन वीज़ा आवेदन प्रक्रिया में विशेष प्राथमिकता दी गई है। यह लाभ 2022 में भारत और UAE के बीच हुए CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) का परिणाम है, जिसके तहत भारत को व्यापार और रणनीतिक साझेदारी में एक महत्वपूर्ण सहयोगी माना गया है। अब भारतीय नागरिक, विशेष रूप से पेशेवर, उद्यमी और अन्य योग्य उम्मीदवार, Rayad Group के माध्यम से इस वीज़ा के लिए आसान और तेज़ प्रक्रिया के तहत आवेदन कर सकते हैं। भारतीयों का वेटिंग टाइम कम किया गया है। विशेष स्किल्स वालों को प्राथमिकता दी जा रही है।
यूएई का नया पायलट प्रोजेक्ट
यूएई सरकार ने एक खास पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया है, जिसकी शुरुआत भारत और बांग्लादेश के साथ की गई है। जल्द ही इसमें चीन और अन्य CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) देशों को भी शामिल किया जाएगा। यूएई सरकार की यह वीजा योजना पारंपरिक निवेश-आधारित मॉडल में महत्वपूर्ण बदलाव है। इसका उद्देश्य संस्कृति, व्यापार और वित्त क्षेत्रों के पेशेवरों को आकर्षित करना है।
यूएई सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के तहत पहले 3 महीनों में 5,000 से अधिक भारतीय आवेदकों को गोल्डन वीजा मिल सकता है। यूएई सरकार की यह पहल भारत के साथ बढ़ते आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को भी दिखाती है।
बिना निवेश मिलेगा वीजा
जब UAE ने 2019 में गोल्डन वीज़ा लॉन्च किया, तब इसका उद्देश्य था ऐसे अमीर निवेशकों, उच्च शिक्षा प्राप्त वैज्ञानिकों, और उद्यमियों को आकर्षित करना जो करोड़ों रुपये UAE में निवेश करते हों,या फिर किसी अत्यधिक विशिष्ट क्षेत्र (जैसे मेडिकल, साइंस, आर्ट्स) में विशेषज्ञ हों, या बड़े बिज़नेस और इनोवेशन के लिए योगदान दे रहे हों। इस वीज़ा को पाने के लिए आम लोगों के लिए कोई आसान रास्ता नहीं था। लेकिन अब UAE सरकार ने आसान कर दिया है।
2022 में UAE ने इस नीति में बड़ा बदलाव किया। अब इस वीज़ा के लिए केवल बड़े निवेश की जरूरत नहीं है। सरकार ने इसे गैर-निवेशकों, यानी पेशेवरों, शिक्षकों, स्वास्थ्यकर्मियों, डिजिटल क्रिएटर्स, खेल खिलाड़ियों आदि के लिए भी खोल दिया है ।
इस वीज़ा के फायदे
- लाइफटाइम रेजिडेंसी: एक बार वीज़ा मिलने के बाद इसे बार-बार रिन्यू कराने की जरूरत नहीं पड़ती है । यह लंबी अवधि के लिए UAE में रहने और काम करने की अनुमति देता है। और आप अपने जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता को भी अपने साथ UAE में ला सकते हैं। सभी को वीज़ा के तहत रेजिडेंसी मिलती है।
- ड्राइवर और घरेलू स्टाफ रखने की आज़ादी: गोल्डन वीज़ा धारक घरेलू सहायक, ड्राइवर, नर्स आदि को अपने साथ रख सकते हैं। इसका खर्च खुद वहन करना होता है, लेकिन इसकी कानूनी अनुमति मिलती है।
- UAE में किसी भी पेशेवर काम या बिजनेस की पूरी छूट: वीज़ा धारक फ्रीलांस, कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड, या स्थायी नौकरी कर सकते हैं। चाहें तो खुद का बिजनेस शुरू करें, बिना किसी एमिरेट्स स्पॉन्सर के।