भारत के हर त्योहार की तरह दशहरा (Dussehra) भी सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है। इस दिन का असली मज़ा घरों में बनने वाले लज़ीज़ पकवानों से और बढ़ जाता है। मिठाइयों से लेकर नमकीन व्यंजनों तक, दशहरे पर कई स्पेशल डिशेज़ बनाई जाती हैं जो त्योहार के स्वाद और रंग को दोगुना कर देती हैं।
यहां हम आपके लिए लेकर आए हैं दशहरे की कुछ मशहूर डिशेज़ और उनकी आसान रेसिपीज़।
जलेबी
दशहरे पर जलेबी खाना शुभ माना जाता है।
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बेसन या मैदा का घोल तैयार करें और उसे गोल-गोल आकार में गर्म तेल में तल लें।
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फिर इन्हें चीनी की चाशनी में डुबोएं।
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गरमागरम जलेबी को दही या रबड़ी के साथ खाएं तो स्वाद दोगुना हो जाता है।
कचौड़ी और आलू की सब्ज़ी
त्योहारों का मज़ा बिना कचौड़ी के अधूरा लगता है।
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गेहूं या मैदा के आटे से छोटी-छोटी पूरियां बेलें।
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इन्हें मसालेदार दाल या आलू के मिश्रण से भरकर तलें।
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गरमा-गरम आलू की सब्ज़ी और चटनी के साथ परोसें।
पूड़ी और चने
उत्तर भारत में दशहरे पर पूड़ी और काले चने बनाना परंपरा है।
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काले चनों को रातभर भिगोकर रख दें और अगले दिन मसालों के साथ पकाएं।
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इन्हें गरमागरम तली हुई पूरी के साथ परोसा जाता है।
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साथ में सूजी का हलवा हो तो प्लेट बिल्कुल परफेक्ट हो जाती है।
साबूदाना खिचड़ी
दशहरे पर उपवास रखने वालों के लिए साबूदाना खिचड़ी बेस्ट ऑप्शन है।
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साबूदाना भिगोकर मूंगफली, हरी मिर्च और आलू के साथ तलें।
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ऊपर से नींबू का रस डालकर गर्मागर्म परोसें।
दाल-बाटी-चूरमा
राजस्थान और मध्य प्रदेश में दशहरे पर यह डिश बेहद फेमस है।
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दाल को मसालों के साथ पकाएं।
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गेहूं के आटे की बाटी सेंकें और उसे दाल के साथ खाएं।
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मीठा पसंद है तो साथ में चूरमा ज़रूर ट्राई करें।
खीर
त्योहार किसी भी मीठे डिश के बिना अधूरा है।
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दूध में चावल या सेवई डालकर पकाएं।
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उसमें इलायची, चीनी और मेवे डालें।
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ठंडी खीर दशहरे के दिन का सबसे स्वादिष्ट मीठा बन जाती है।
पकोड़े
बारिश या ठंड के मौसम में दशहरे पर पकोड़े बनाना आम बात है।
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बेसन के घोल में आलू, प्याज़ या पनीर डुबोकर तलें।
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हरी चटनी और चाय के साथ इसका स्वाद दोगुना हो जाता है।