भोपाल के AIIMS के दो रेजिडेंट डॉक्टर शराब के नशे में ऐसा हंगामा कर बैठे कि पुलिस तक को दखल देना पड़ा। मामला शांत कराने पहुंची पुलिस को डॉक्टरों ने ही धमकाना शुरू कर दिया। अब इस पूरे मामले में पुलिस ने दोनों डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज कर ली है और उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है। इसकी पुष्टि एसीपी रजनीश कश्यप कौल ने की है। आरोपियों के खिलाफ गुरुवार को बागसेवनिया पुलिस ने आरक्षक अजय गुर्जर की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। दोनों डॉक्टर साहिल चौहान और प्रकल्प गुप्ता पर शराब पीकर हंगामा करने और सरकारी काम में बाधा डालने की धाराएं लगाई गई हैं। हालांकि ये धाराएं जमानती हैं, इसलिए दोनों को थाने से ही जमानत मिल सकती है।
पुलिस के मुताबिक, मंगलवार देर रात एम्स के इमरजेंसी गेट के पास ये दोनों डॉक्टर शराब के नशे में धुत होकर जोर-जोर से चिल्ला रहे थे और राहगीरों से बहस कर रहे थे। जब पुलिस मौके पर पहुंची और शांत रहने को कहा, तो दोनों ने उलटे पुलिसकर्मियों को ही धमकाना शुरू कर दिया। गाली-गलौज के साथ दोनों ने कहा कि हम एम्स के डॉक्टर हैं, हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
वीडियो वायरल
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद मामला और बढ़ गया। वीडियो में दोनों डॉक्टर पुलिस से उलझते और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं। एक वीडियो में तो डॉक्टर कहते दिखे, “हम यहां दस साल से शराब पी रहे हैं, जा अपने साहब को बोल, हॉस्टल से उठवा ले।” पुलिस की लाख समझाइश के बावजूद दोनों रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।इस घटना के बाद एम्स प्रशासन ने भी दोनों डॉक्टरों पर आंतरिक स्तर पर कार्रवाई की है। सूत्रों के मुताबिक, संस्थान ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस बोली
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चाहे कोई डॉक्टर हो या आम नागरिक, नशे में हंगामा करना और सरकारी काम में दखल देना कानूनन अपराध है। एसीपी रजनीश कश्यप कौल ने बताया कि दोनों डॉक्टरों को नोटिस जारी किया गया है, और यदि दोबारा इस तरह की हरकत की गई तो सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस घटना के बाद एम्स प्रशासन की छवि पर भी सवाल उठे हैं। लोगों का कहना है कि जहां डॉक्टरों से अनुशासन और जिम्मेदारी की उम्मीद की जाती है, वहीं उनका इस तरह बर्ताव करना संस्थान की साख पर धब्बा है।
