नीमच/भोपाल | मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार अपनी पांचवी पारी खेल रही है और जावद विधानसभा के विधायक ओमप्रकाश सकलेचा लगातार जीत दर्ज करते आ रहे हैं। मंत्री पद तक पहुंचने के बाद भी क्षेत्र की बुनियादी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। इसी क्रम में हाल ही में हुई भारी बारिश में जावद क्षेत्र की एक छोटी पुलिया धंस जाने से भाजपा के विकास के दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता इंजीनियर नवीन कुमार अग्रवाल ने इस मामले को लेकर सरकार और विधायक पर सीधा हमला बोला है। उनका कहना है कि करोड़ों की योजनाओं और विकास की बात करने वाले विधायक और सरकार 25 सालों में एक मजबूत पुलिया तक नहीं बना पाए।
कसा तंज
इंजी. अग्रवाल ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि पुलिया धंसने की घटना ने भाजपा सरकार के झूठे दावों का पर्दाफाश कर दिया है। लेकिन जिम्मेदारी लेने की बजाय विधायक और प्रशासन ने छोटे कर्मचारियों को निलंबित कर जनता के सामने केवल दिखावा किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सड़क निर्माण हुआ तो पुलिया की ऊंचाई क्यों नहीं बढ़ाई गई?
उनका तर्क था कि भूमिपूजन और लोकार्पण हमेशा विधायक द्वारा किया जाता है, तो अब जिम्मेदारी से मुंह क्यों मोड़ा जा रहा है? क्या केवल श्रेय लेने का हक विधायक को है और घटना घटित होने पर दोष छोटे कर्मचारियों पर डाला जाएगा?
सवालों की बौछार
- जब पुलिया की ऊंचाई निर्माण के समय नहीं बढ़ाई गई, तो इसके लिए छोटे कर्मचारी कैसे जिम्मेदार हुए?
- जब सड़कों का उद्घाटन विधायक स्वयं करते हैं, तो इस समस्या का श्रेय और दोष दोनों उनकी जिम्मेदारी क्यों नहीं?
- जब गांववासियों और मीडियाकर्मियों ने फोन किए तो विधायक और अधिकारी कॉल रिसीव क्यों नहीं कर रहे थे?
- 25 साल से विधायक रहते हुए बार-बार समस्या बताने के बावजूद समाधान क्यों नहीं निकाला गया?
- जब यह मुद्दा अखबारों की सुर्खियों में आया, तभी विधायक निधि से पुलिया बनाने की याद क्यों आई?
- जब वर्षा ऋतु से पहले बाढ़ नियंत्रण केंद्र बनाए जाते हैं तो उस समय संबंधित अधिकारी और कर्मचारी क्या कर रहे थे?
जनता के बीच चर्चा
अग्रवाल ने कहा कि अब जब पुलिया धंसने की घटना जनता के बीच चर्चा का विषय बनी है, तभी विधायक निधि से निर्माण की घोषणा की गई। जबकि यह निधि भी जनता के टैक्स से आती है और इसका इस्तेमाल समय रहते होना चाहिए था। उन्होंने तंज कसा कि जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए भाजपा केवल राजनीति कर रही है, वास्तविक समाधान नहीं।
समस्याएं अब भी जस की तस
आप प्रवक्ता ने कहा कि जावद क्षेत्र में केवल पुलिया ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और मूलभूत सुविधाओं से जुड़े कई मुद्दे आज भी जस के तस हैं। लेकिन इन समस्याओं की अनदेखी होती है, क्योंकि वीआईपी संस्कृति में नेताओं को केवल चुनावी मुद्दे और दिखावे की राजनीति दिखती है।
इंजी. अग्रवाल ने प्रशासन और विधायक से अपील की कि हर बार छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाने की परंपरा पर रोक लगाई जाए। उनका कहना था कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन कर्मचारियों का बड़े स्तर पर घटने वाली घटनाओं से कोई वास्ता नहीं होता, फिर भी उन पर गाज गिरा दी जाती है।
