MP में आयकर विभाग की अब तक की सबसे लंबी रेडों में से एक आखिरकार शनिवार सुबह खत्म हुई। लगातार चार दिन और रात चली इस कार्रवाई में साइंस हाउस, डिसेंट मेडिकल्स और इनके सहयोगी ग्रुप्स पर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि यह पूरा नेटवर्क बोगस बिलिंग और हवाला कारोबार के जरिए सरकार को चपत लगा रहा था।
आयकर विभाग की टीम ने साइंस हाउस के डायरेक्टर शैलेंद्र तिवारी के यहां से एक करोड़ रुपए नकद और करीब 900 ग्राम सोना जब्त किया है। वहीं, पूरे ग्रुप के ठिकानों से करीब चार करोड़ की ज्वेलरी और कैश बरामद किए गए हैं। जांच में सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ कि इस नेटवर्क ने अब तक 250 करोड़ रुपए से ज्यादा की टैक्स चोरी की है।
बोगस बिलिंग से चलाई मोटी कमाई
अधिकारियों के मुताबिक इस ग्रुप ने सप्लाई चेन में गड़बड़ी कर फर्जी बिल बनाए। दूसरे राज्यों और देशों से सामान मंगवाकर एमपी में सप्लाई दिखाया जाता और असली सौदे को कागजों में घुमा-फिराकर छुपाया जाता। इस तरह करोड़ों का काला धन खड़ा कर सरकार को बड़ा नुकसान पहुंचाया गया।
हवाला से जोड़ दिए पैसे
पड़ताल में यह भी खुलासा हुआ कि इस अवैध कमाई को हवाला के जरिए बाहर लगाया गया। आयकर विभाग अब इन हवाला कनेक्शनों की अलग से जांच करेगा। शुरुआती जांच में ही कई नाम और लिंक सामने आए हैं, जिन्हें पकड़ने की तैयारी है।
विदेशी नेटवर्क का पर्दाफाश
जांच में साइंस हाउस के संचालक जितेंद्र तिवारी का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क भी सामने आया है। उसके चाइना समेत कई देशों से कारोबार के रिश्ते हैं। बताया जा रहा है कि वह सस्ती क्वालिटी के हेल्थ इक्विपमेंट और मेडिकल सामग्री विदेश से मंगवाकर भारत में महंगे दामों पर बेचता था। इसके लिए वह रूट सिस्टम अपनाता – पहले सामान एक देश से दूसरे में घुमाया जाता और फिर इंडिया में सप्लाई दिखाकर कीमत बढ़ाई जाती।
इसके अलावा, सहयोगी राजेश गुप्ता के बारे में जानकारी मिली है कि उसने युगांडा में भी संस्था खोल रखी है और वहीं से कारोबार फैला रखा है।
आगे होगी पूछताछ
आयकर विभाग अब एक-एक कर इनसे पूछताछ करने की तैयारी में है। सभी संबंधित लोगों को नोटिस भेजकर बयान दर्ज किए जाएंगे। अधिकारियों का मानना है कि यह नेटवर्क जितना सामने आया है, उससे कहीं बड़ा हो सकता है।
