भोपाल की करोंद अनाज मंडी में बुधवार को मुहूर्त के सौदे होंगे। पिछले चार दिन से मंडी बंद थी और भाई दूज के दिन ही किसानों की उपज खरीदी जाएगी। गेहूं, सोयाबीन और अन्य फसलों की बिक्री के लिए व्यापारी मंडी में मौजूद रहेंगे और किसानों को ऊंचे भाव पर भुगतान किया जाएगा। भोपाल ग्रेन मर्चेंट एंड ऑयल सीड्स एसोसिएशन के प्रवक्ता संजीव जैन ने बताया कि धनतेरस के दिन मंडी में कारोबार बंद हो गया था। बुधवार को सुबह 10.30 बजे से मुहूर्त सौदे शुरू होंगे। इसी दौरान दीवाली मिलन समारोह भी रखा गया है, जिसमें मंडी के व्यापारी और किसान एक-दूसरे से मिलकर त्योहारी खुशी साझा करेंगे।
मुहूर्त के सौदों की खासियत यह है कि जो किसान सबसे पहले अपनी फसल बेचता है, उसे व्यापारी ज्यादा दाम देते हैं। दिवाली के अवसर पर व्यापारी अपने कारोबार को एक-दो दिन के लिए रोकते हैं और भाई दूज के दिन सौदों को विशेष महत्व देते हैं। इसी वजह से किसान एक-दो दिन पहले से मंडी में पहुंचकर अपनी उपज बेचने की तैयारी कर लेते हैं।
दो सत्रों में होगी खरीदी
संजीव जैन ने बताया, “मुहूर्त के सौदों में प्रतिस्पर्धा अधिक होती है। पहले बेचने वाले किसानों को अच्छा भाव मिलता है। इसलिए किसान समय से पहले ही मंडी पहुंच जाते हैं।” इस दिन अनाज की खरीदी दो सत्रों में होगी। पहला सत्र सुबह 10.30 से दोपहर 12.30 बजे तक चलेगा। दूसरा सत्र दोपहर 3 बजे से शाम तक रहेगा। दोपहर के बीच में दीवाली मिलन समारोह आयोजित होगा।
मंडी में खरीदी के दौरान व्यापारी फसल की गुणवत्ता और मात्रा देखकर बोली लगाते हैं। गेहूं और सोयाबीन के अच्छे पैकेट वाले किसानों को अधिक दाम मिलते हैं। इससे किसानों की खुशी भी दोगुनी हो जाती है।
मुहूर्त सौदे का महत्व
किसानों के लिए मुहूर्त के दिन मंडी में उपज बेचना खास लाभकारी होता है। व्यापारी उस दिन अधिक कीमत देने के लिए तैयार रहते हैं। साथ ही त्योहारी माहौल में व्यापारी और किसान के बीच आपसी सौहार्द भी बढ़ता है। यही कारण है कि करोंद मंडी में इस दिन हमेशा भीड़ और उत्साह देखा जाता है। भाई दूज के मौके पर मंडी खुलने से किसानों को दिवाली के खर्च और फसल की आमदनी दोनों में फायदा होगा। मुहूर्त सौदे से किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा और वे अपने परिवार के साथ त्योहार की तैयारियों में भी जुट जाएंगे।
