भोपाल के जहांगीराबाद स्थित श्री राम मंदिर खटलापुरा में इस साल भी दिवाली के बाद भक्ति और भोग का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। हर साल की तरह इस बार भी मंगलवार, 21 अक्टूबर को यहां 183वां विशाल भंडारा, अन्नकूट महोत्सव और दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। श्री राम मंदिर खटलापुरा समिति इस परंपरा को पिछले डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा समय से निभा रही है, और हर बार श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है।
सुबह से ही शुरू होगा धार्मिक आयोजन
मंगलवार सुबह मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना और भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी का भव्य श्रृंगार किया जाएगा। भक्त सुबह से ही दर्शन के लिए पहुंचने लगेंगे। पूरा मंदिर फूलों की सजावट और रंग-बिरंगी लाइटों से नहा जाएगा। भक्तों के जयकारों और भजनों की गूंज से माहौल भक्तिमय रहेगा।
आयोजन का सबसे बड़ा आकर्षण रहेगा अन्नकूट महोत्सव। दोपहर बाद मंदिर परिसर में विशाल भंडारा लगाया जाएगा, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए छप्पन भोग परोसे जाएंगे। कढ़ी, पूड़ी, हलवा, पनीर की सब्जियां, मिठाइयां और कई तरह के व्यंजन भगवान को अर्पित किए जाएंगे। इसके बाद इन्हें प्रसाद के रूप में भक्तों को वितरित किया जाएगा। समिति के सदस्यों ने बताया कि हर साल हजारों लोग इस प्रसाद का आनंद लेने आते हैं।
शाम को भजन संध्या
शाम ढलते ही मंदिर परिसर में भक्ति का रंग और गहरा हो जाएगा। स्थानीय और प्रसिद्ध कलाकारों की भजन संध्या में प्रभु भक्ति के गीत गूंजेंगे। इसी दौरान दीपोत्सव की शुरुआत होगी। हजारों दीपों से मंदिर का हर कोना जगमगा उठेगा। रंग-बिरंगी लाइटें और भव्य आतिशबाजी इस आयोजन को और खास बना देगी।
क्या है अन्नकूट महोत्सव का महत्व?
अन्नकूट महोत्सव, जिसे गोवर्धन पूजा भी कहा जाता है, दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन इंद्रदेव के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था। उसी प्रसंग की याद में भक्त अन्नकूट के रूप में अनेक प्रकार के भोजन बनाकर भगवान को चढ़ाते हैं और बाद में प्रसाद के रूप में बांटते हैं। यह आयोजन न सिर्फ श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि समाज को जोड़ने और आनंद बाँटने की परंपरा का भी हिस्सा है। हर दीपक में भक्ति की रोशनी और हर थाली में भगवान के प्रति समर्पण झलकता है।
