भोपाल में एम्स ने महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में चाइल्डहुड कैंसर अवेयरनेस मंथ के तहत बच्चों और छात्राओं के लिए विशेष सत्र आयोजित किया। एम्स के ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञों ने कहा कि बचपन में कैंसर के शुरुआती लक्षण समय रहते पहचान लिए जाएं तो अधिकांश बच्चे पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों की आंख में सफेद चमक, लगातार बुखार या अनजानी कमजोरी जैसी शिकायतों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
कैंसर से बचाव
कार्यक्रम में “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान के तहत स्तन और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की रोकथाम पर भी चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने बताया कि 9 से 14 वर्ष की लड़कियों को दो खुराक में और 14 से 26 वर्ष की लड़कियों को तीन खुराक में एचपीवी वैक्सीन दी जाती है। सभी छात्राओं को इसे लगवाने की सख्त सलाह दी गई, जिससे भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव संभव हो सके।
संक्रमण से बचाव
स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत छात्राओं को हाथ धोने की सही तकनीक सिखाई गई। विशेषज्ञों ने बताया कि नियमित और सही तरीके से हाथ धोना संक्रमण से बचने का सबसे सरल और सस्ता उपाय है। इससे न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है, बल्कि समाज में संक्रामक रोगों के फैलाव को भी रोका जा सकता है।
ऑनलाइन क्विज
कार्यक्रम में छात्रों के लिए ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस प्रतियोगिता में आयमान बीबी, महक नामदेव और अवंतिका तिवारी विजेता रहीं। क्विज मास्टर के रूप में एम्स भोपाल के पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी-ऑन्कोलॉजी डीएम रेजिडेंट डॉ. पक्किरेश रेड्डी ने भूमिका निभाई।
स्वास्थ्य जागरूकता
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर ने बताया कि यह पहल केवल छात्राओं को जीवनरक्षक जानकारी देने तक सीमित नहीं है। इसका उद्देश्य उन्हें स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाना और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित करना भी है। एम्स के आंकड़ों के अनुसार बीते साल अकेले भोपाल में 36 हजार से अधिक कैंसर रोगी पहुंचे, जिसमें बच्चों की संख्या भी काफी है, इसलिए इस तरह की जागरूकता आवश्यक है।
