भोपाल की सिटी बसों में टिकट कलेक्शन को लेकर एक बार फिर गंभीर गड़बड़ी उजागर हुई है। रानी कमलापति स्टेशन से कटारा जा रही एक बस में यात्री ने कंडक्टर से टिकट मांगा तो जवाब मिला “मशीन खराब है।” किराया वसूले जाने के बावजूद टिकट न मिलने पर यात्री ने पूरा घटनाक्रम वीडियो में रिकॉर्ड कर लिया। शिकायत नगर निगम तक पहुंच चुकी है। यात्री द्वारा बनाया गया 47 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर भी चर्चा में है। वीडियो में यात्री कहता दिख रहा है कि बस में एक भी यात्री को टिकट नहीं दिया गया है, जबकि सभी से किराया लिया जा चुका है। कंडक्टर लगातार यही कहता नजर आता है कि टिकट मशीन काम नहीं कर रही। मामला सामने आने के बाद निगम अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
निगम सूत्रों का कहना है कि टिकट मशीन का इस्तेमाल न होने से गड़बड़ी दो स्तर पर होती है। पहला कंडक्टर यात्रियों से तय किराए से अधिक वसूली करता है। दूसरा एजेंसी को टिकट कलेक्शन की पूरी राशि नहीं मिलती। इसी वजह से कई बार बस एजेंसी घाटा दिखाकर निगम से रियायत या अतिरिक्त भुगतान की मांग करती है। इसका सीधा असर शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर पड़ रहा है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट बदहाल
भोपाल में सिटी बस सेवा लगातार गिरावट की ओर है। कभी 368 बसें शहर की सड़कों पर दौड़ती थीं, लेकिन आज संख्या घटकर सिर्फ 60 रह गई है। हाल में 16 नई CNG बसें शुरू की गई हैं, लेकिन यह जरूरत की तुलना में बेहद कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि टिकट कलेक्शन की अव्यवस्था इस पूरी टूटती प्रणाली की बड़ी वजह है। करीब डेढ़ साल पहले तक BCLL के तहत चार एजेंसियां शहर में सिटी बसें चला रही थीं मां एसोसिएट्स, एपी मोटर्स, श्री दुर्गांबा और आई-मोबिलिटी। इनमें से सबसे पहले 4 जुलाई 2024 को मां एसोसिएट्स ने 149 बसों का संचालन बंद कर दिया। एजेंसी का आरोप था कि टिकट कलेक्शन करने वाली ‘चलो ऐप’ प्रति किलोमीटर 33 रुपये देने पर सहमत थी, लेकिन वास्तविक आमदनी सिर्फ 20–22 रुपये तक ही हो पा रही थी।
चलो ऐप विवाद से गहराया संकट
चलो ऐप और बस ऑपरेटरों के बीच राजस्व बंटवारे को लेकर विवाद बढ़ता गया। निगम और BCLL डेढ़ साल में भी इसका हल नहीं निकाल सके। नतीजतन अन्य एजेंसियों ने भी धीरे-धीरे अपनी बसें बंद कर दीं और शहर की बस सेवा लगभग ढह गई। अब टिकट कलेक्शन में नई गड़बड़ी सामने आने से यह मुद्दा फिर चर्चा में है।
