मध्य प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग ने शनिवार को भोपाल में राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर सुप्रीम कोर्ट परिसर में हुए मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की घटना और ग्वालियर उच्च न्यायालय के वकील अनिल मिश्रा द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के विरोध में कड़ा कदम उठाया। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वकील राकेश किशोर का पुतला जलाकर प्रदर्शन भी किया।
प्रदीप अहिरवार ने कहा, “यह केवल किसी व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि संविधान की आत्मा और न्यायपालिका की गरिमा पर हमला है। डॉ. अंबेडकर के अपमान को देश का दलित समाज कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।”
ज्ञापन में मांग
- सुप्रीम कोर्ट परिसर में हुई घटना की तत्काल जांच कर दोषी वकील की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए।
- वकील अनिल मिश्रा के खिलाफ देशद्रोह और कड़ी कानूनी कार्रवाई, साथ ही उनकी वकालत की अनुमति रद्द की जाए।
- जाति-आधारित भेदभाव और घृणा के खिलाफ ‘शून्य सहिष्णुता नीति’ लागू की जाए।
- न्यायपालिका और अन्य संस्थानों में दलित समुदाय की सुरक्षा और सम्मान के लिए निगरानी तंत्र बनाया जाए।
- न्यायिक और कानूनी बिरादरी में समानता और संवैधानिक मूल्यों को लेकर राष्ट्रीय संवेदनशीलता अभियान चलाया जाए।
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
ज्ञापन सौंपने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए राकेश किशोर का पुतला जलाया। इस मौके पर प्रदीप अहिरवार ने चेतावनी दी कि यदि आरोपियों पर शीघ्र और कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग देशभर में आंदोलन करने को विवश होगी।
चेतावनी
अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने कहा कि 78 साल बाद भी यदि दलित वर्ग के मुख्य न्यायाधीश सुरक्षित नहीं हैं, तो यह पूरे देश के दलित समाज की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न है। उन्होंने केंद्र सरकार और संबंधित अधिकारियों से आरोपियों पर सख्त और समयबद्ध कार्रवाई करने की मांग की। ज्ञापन की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, गृहमंत्री अमित शाह और कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन मेघवाल को भी भेजी गई है।
प्रदर्शन में शामिल लोग
कार्यक्रम में विभाग के पदाधिकारी और कार्यकर्ता, जैसे हेमंत नरवरिया, रवि वर्मा, डॉक्टर विक्रम चौधरी, मुकेश बंसल, नीरज चंडाले, रमेश बकोरिया, दर्शन कोरी, डी. पी. भालेराव सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजनों ने भाग लिया। यह प्रदर्शन और ज्ञापन कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग की संविधान और दलित सम्मान के प्रति सख्ती को दर्शाता है।
