यौन शोषण और ड्रग्स तस्करी से जुड़े भोपाल के मछली परिवार प्रकरण में 13 अक्टूबर को जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले जिला प्रशासन हाईकोर्ट में सभी दस्तावेज पेश करेगा। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, भोपाल कलेक्टर, डीसीपी क्राइम और तीनों बैंकों के अधिकारियों को रिकॉर्ड के साथ उपस्थित होने और कार्रवाई की वैधता स्पष्ट करने को कहा है। मामले में साजिदा बी और अन्य आठ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
उनका कहना है कि कार्रवाई के दौरान उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और उनके बैंक खाते फ्रीज किए गए। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, उनके खिलाफ कोई एफआईआर या आपराधिक जांच नहीं थी, फिर भी प्रशासन ने 21 से 25 अगस्त के बीच उनके मकान तोड़े और ई-मेल ब्लॉक कर दिए।
दस्तावेज हाईकोर्ट में प्रस्तुत
स्थानीय अफसरों का कहना है कि कार्रवाई नियमों के अनुसार की गई थी और दस्तावेज हाईकोर्ट में प्रस्तुत किए जाएंगे। अदालत ने स्पष्ट किया है कि बिना अभियोग के घर तोड़ना, बैंक खाते फ्रीज करना और हथियार लाइसेंस निलंबित करना संवैधानिक अधिकारों का हनन है। दूसरी ओर अनंतपुरा कोकता क्षेत्र में पशुपालन विभाग की 6 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों को भी राहत मिल सकती है। गोविंदपुरा तहसीलदार सौरभ वर्मा की कोर्ट में सुनवाई के बाद कब्जेदारों को धारणाधिकार योजना के तहत नियमित किया जा सकता है।
राजस्व विभाग के अनुसार, धारणाधिकार योजना के तहत 31 दिसंबर 2014 तक सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले लोग इस योजना का फायदा ले सकते हैं। हाल ही में सरकार ने इसे 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया है। इस योजना के तहत जमीन का मालिकाना हक मिल सकता है, बशर्ते तय प्रीमियम जमा किया जाए और दस्तावेज सही हों।
मछली परिवार
यदि इस योजना पर अमल होता है, तो मछली परिवार समेत लगभग 40 अतिक्रमणकारियों को इसका लाभ मिलेगा। इसमें डायमंड सिटी कॉलोनी, कोर्टयार्ड प्राइम और अन्य निजी कॉलोनियों के लोग शामिल हैं। इस परिवार के कब्जे में मिली संपत्ति में नगर निगम की 50 दुकानें, एसटीपी प्लांट, पेट्रोल पंप, पार्क, डायमंड सिटी कॉलोनी के रास्ते, बीस मकान, शादी हॉल और फार्महाउस जैसी संपत्तियां शामिल हैं। इस सुनवाई से मछली परिवार और अन्य अतिक्रमणकारियों को उनके अधिकार मिलने की संभावना बढ़ गई है।