राजधानी भोपाल में बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं मिलने का आदेश आज यानी 29 सितंबर को समाप्त हो रहा है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने 30 जुलाई को यह आदेश जारी किया था, जिसे आवश्यक होने पर आगे बढ़ाया जा सकता है। आदेश के तहत प्रशासन ने पेट्रोल पंपों पर सख्ती की थी और उल्लंघन करने वालों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 223 के अंतर्गत कार्रवाई का प्रावधान रखा गया था।
आदेश का मकसद
कलेक्टर के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने बैरसिया, होशंगाबाद रोड और अन्य प्रमुख पेट्रोल पंपों की जांच की। जांच में आधा दर्जन से अधिक पंपों को सील कर दिया गया। इसके अलावा, आवश्यक वस्तु अधिनियम और कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन करने वाले पंप संचालकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए। कलेक्टर ने आदेश में कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार, मप्र मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 129 के तहत प्रत्येक दोपहिया वाहन चालक और सवारी के लिए आईएसआई मार्क हेलमेट पहनना अनिवार्य है।
हेलमेट पहनना जरूरी
विशेषज्ञों के अनुसार, हेलमेट न पहनने पर सड़क हादसों में गंभीर चोटें लगने की संभावना बढ़ जाती है। हेलमेट पहनने से सिर पर चोट से होने वाली मौत और गंभीर चोटों की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। कलेक्टर ने भी अपने आदेश में यही तर्क प्रस्तुत किया था।
कलेक्टर ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि मेडिकल आपात स्थितियों या आकस्मिक मामलों में यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। इसके अलावा, आदेश अन्य किसी नियम या प्रतिबंध के अतिरिक्त लागू होंगे। अफसरों के अनुसार, कलेक्टर को अधिकतम दो महीने तक इस तरह के आदेश जारी करने का अधिकार है।
आगे क्या होगा?
अब क्योंकि 29 सितंबर को आदेश की अवधि समाप्त हो रही है, प्रशासन संभवतः आज ही नए आदेश के माध्यम से सख्ती जारी रख सकता है। अधिकारियों ने बताया कि बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं दिए जाने का यह नियम आगामी दो महीनों तक या आवश्यकतानुसार और बढ़ाया जा सकता है।