मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ के दूसरे दिन भोपाल का लाल परेड ग्राउंड पूरी तरह संस्कृति, भक्ति और इतिहास के रंगों से सजने वाला है। आज यानी 2 नवंबर को यहां दिनभर कार्यक्रमों की ऐसी झड़ी लगेगी जिसमें परंपरा, कला और संगीत एक साथ देखने को मिलेंगे। दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक जनता के लिए कई प्रदर्शनियां और मेले खुले रहेंगे। इनमें ‘शिल्प मेला’ में प्रदेश की पारंपरिक कलाओं की झलक देखने को मिलेगी, वहीं ‘स्वाद व्यंजन मेला’ में अलग-अलग जिलों के पकवान लोगों को लुभाएंगे।
दोपहर 3 बजे से जनजातीय और लोकनृत्य प्रस्तुतियां होंगी। कलाकार करमा, भगोरिया, अहिराई और मोनिया जैसे पारंपरिक नृत्य पेश करेंगे। इन लोकनृत्यों के जरिए प्रदेश की विविधता और लोकसंस्कृति की असली पहचान सामने आएगी।
शाम का आकर्षण
शाम 6:30 बजे से मंच पर होगा एक भव्य दृश्य, जब शुरू होगा महानाट्य ‘सम्राट विक्रमादित्य’। इस नाट्य का निर्देशन संजीव मालवीय ने किया है और इसे विशाला सांस्कृतिक एवं लोकहित समिति, उज्जैन के करीब 150 कलाकारों की टीम पेश करेगी। तीन मंचों पर एक साथ चलने वाले इस नाट्य में एलईडी ग्राफिक्स, रथ, पालकी और अश्वों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे सम्राट विक्रमादित्य की शौर्यगाथा को जीवंत रूप दिया जाएगा। यह नाटक न केवल मनोरंजन करेगा, बल्कि दर्शकों को उस गौरवशाली इतिहास से भी जोड़ेगा, जब विक्रमादित्य अपने न्याय, पराक्रम और जनकल्याण के लिए प्रसिद्ध थे।
भक्ति में डूबेगी रात
महानाट्य के बाद मंच पर आएंगे भक्ति गीतों के प्रसिद्ध गायक हंसराज रघुवंशी। उनके गीत “मेरा भोला है भंडारी”, “महादेवा” और “राधे राधे बोल मना” पहले ही हर उम्र के लोगों की जुबान पर हैं। आज वे इन्हीं गीतों से माहौल को भक्तिमय बना देंगे। उनके भक्ति सुरों से लाल परेड ग्राउंड का वातावरण शिवमय और ऊर्जामय हो उठेगा। ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ का यह दूसरा दिन प्रदेश की जीवंत संस्कृति, लोककला और आस्था का प्रतीक बनने जा रहा है। जहां दिन में परंपरा की झलक दिखेगी, वहीं शाम इतिहास और भक्ति की भावनाओं से रोशन होगी। भोपाल का लाल परेड ग्राउंड आज सचमुच “मध्यप्रदेश के रंगों का आईना” बनने वाला है।
