भोपाल | मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के किसानों की समृद्धि और अर्थव्यवस्था के विकास के लिए सिंचाई क्षेत्र के विस्तार पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन वर्षों में प्रदेश में सिंचाई का दायरा 100 लाख हेक्टेयर तक किया जाएगा। इसके लिए जल संसाधन विभाग और सभी संबंधित एजेंसियों को तेजी से काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
वर्तमान में शासकीय स्रोतों से प्रदेश में 52 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई के अंतर्गत आ चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादन को बढ़ाने और उद्योग, पेयजल व ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाए।
अंतर्राज्यीय नदी जोड़ो परियोजनाएं
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में कहा कि केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना और पार्वती-काली-सिंध चंबल लिंक परियोजना जैसे बड़े कार्य प्रदेश की आधी से ज्यादा आबादी के जीवन को बदल देंगे। उन्होंने बताया कि नदियों को जोड़ने का सपना भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साकार कर रहे हैं।
इन परियोजनाओं की खासियत यह है कि केंद्र सरकार 90 प्रतिशत राशि उपलब्ध करवा रही है। ऐसे में राज्य को केवल 10 प्रतिशत खर्च वहन करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भी संभावित नदी जोड़ो परियोजनाओं का सर्वेक्षण कर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे जाएंगे ताकि जल्द मंजूरी मिल सके।
सिंहस्थ 2028 की तैयारियां भी तेज
मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ 2028 की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि शिप्रा नदी का शुद्धिकरण, घाट निर्माण और बैराज कार्य समय सीमा में पूरे किए जाएं। जानकारी दी गई कि फिलहाल शिप्रा नदी के किनारे करीब 30 किलोमीटर लंबाई में घाट निर्माण का काम चल रहा है। 2027 तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
घाटों के तैयार होने से सिंहस्थ महाकुंभ में एक ही दिन में करीब 5 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजन की तैयारियों में कोई कोताही न बरती जाए।
सिंचाई क्षेत्र में लगातार बढ़ोतरी
बैठक में बताया गया कि रबी 2023-24 में प्रदेश का सिंचाई क्षेत्र 44.56 लाख हेक्टेयर था, जो रबी 2025-26 में बढ़कर 52.06 लाख हेक्टेयर हो गया है। यानी डेढ़ साल में 7.50 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। इसमें जल संसाधन विभाग ने 2.39 और नर्मदा घाटी विकास विभाग ने 5.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का विस्तार किया है।
आने वाले पांच वर्षों में 200 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 38 सिंचाई परियोजनाएं पूरी होंगी। इनके जरिए 17.33 लाख हेक्टेयर क्षेत्र और सिंचाई के दायरे में आ जाएगा।
जिलावार प्रमुख परियोजनाएं
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष 2 लाख हेक्टेयर से अधिक सिंचाई क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी। इसके लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी की जा रही हैं, जिनमें
- मोहनपुरा बांयीतट परियोजना (राजगढ़)
- चंदेरी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना (अशोकनगर)
- पंचमनगर सिंचाई परियोजना (दमोह और सागर)
- त्योंथर बहाव योजना (रीवा)
- घोघरी मध्यम परियोजना (बैतूल) शामिल हैं।
किसानों की समृद्धि ही लक्ष्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ किसान हैं। इसलिए सरकार का सबसे बड़ा लक्ष्य उनकी आय बढ़ाना और खेती को लाभकारी बनाना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नहरों और बैराजों का काम समय पर पूरा हो, ताकि किसानों को पानी की कमी से जूझना न पड़े।
बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
