सोयाबीन बेचने वाले किसानों के लिए सोमवार का दिन अच्छी खबर लेकर आया। भावांतर योजना 2025 के तहत आज 18 नवंबर को जारी किया गया मॉडल रेट बढ़कर 4,255 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। सरकार का कहना है कि यह रेट उन किसानों के लिए लागू है जिन्होंने अपनी उपज मंडी में बेची है। इसी रेट के आधार पर किसानों को भावांतर की राशि मिलेगी।
सोयाबीन का मॉडल रेट पिछले कई दिनों से लगातार ऊपर जा रहा है। 7 नवंबर को जहां रेट 4,020 रुपये था, वहीं धीरे-धीरे बढ़ते हुए यह अब 4,255 रुपये पर पहुंच गया है। प्रशासन द्वारा जारी रेट इस प्रकार बढ़े…
- 8 नवंबर: 4,033 रुपये
- 9-10 नवंबर: 4,036 रुपये
- 11 नवंबर: 4,056 रुपये
- 12 नवंबर: 4,077 रुपये
- 13 नवंबर: 4,130 रुपये
- 14 नवंबर: 4,184 रुपये
- 15 नवंबर: 4,225 रुपये
- 16 नवंबर: 4,234 रुपये
- 17 नवंबर: 4,236 रुपये
- और आज 18 नवंबर को यह 4,255 रुपये हो गया।
अधिकारियों के मुताबिक, इस बढ़ोतरी की वजह बाजार में सोयाबीन की क्वालिटी में सुधार है। नमी कम होने से फसल का दाम स्वाभाविक रूप से ऊपर जा रहा है, जिससे किसानों को भी बेहतर भाव मिल रहा है। मॉडल रेट पिछले 14 दिनों के औसत बाजार भाव पर आधारित होता है, इसलिए जैसे-जैसे मंडी का भाव ऊपर जाता है, मॉडल रेट भी बढ़ता है।
व्यापारियों को भी राहत
राज्य सरकार ने दोहराया है कि किसानों को सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,328 रुपये प्रति क्विंटल से कम नहीं दिया जाएगा। अगर मंडी में भाव कम मिलता है, तो एमएसपी और मॉडल रेट के बीच का अंतर सरकार सीधे किसानों के खाते में जमा करेगी। किसान का घाटा पूरी तरह सरकार भर रही है। भावांतर योजना का फायदा यह है कि किसान बिना किसी चिंता के मंडी में अपनी फसल बेच सकता है। व्यापारियों को भी इससे राहत मिलती है, क्योंकि खरीद की प्रक्रिया उपार्जन जैसी जटिलता से प्रभावित नहीं होती।
किसानों का कहना है कि मॉडल रेट में लगातार सुधार से राहत तो मिल ही रही है, साथ ही सरकार की गारंटी से यह भरोसा बना हुआ है कि चाहे बाजार भाव जैसा भी हो एमएसपी तो मिलकर रहेगा।
