, ,

नसबंदी पर दिया अजीब बयान, फिर सुर्खियों में आए भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा

Author Picture
Published On: 20 September 2025

अजीबोगरीब बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले रीवा से भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। इस बार उन्होंने रीवा के कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ऐसा बयान दिया, जिसने सभी को चौंका दिया। सांसद ने कहा कि नसबंदी के बाद भी अगर बच्चा पैदा करने की स्थिति हो जाए, तो ऐसी सुविधा किसी अन्य अस्पताल में नहीं है, लेकिन रीवा जिला अस्पताल में उपलब्ध है।

दरअसल, सांसद मिश्रा शुक्रवार को जिला अस्पताल के नवीन ओपीडी विस्तार भवन और कॉरिडोर के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय में पर्याप्त डॉक्टर, नर्स और वॉर्ड बॉय मौजूद हैं। सिविल सर्जन ने उन्हें जानकारी दी थी कि डायलिसिस या प्रसूति जैसी सुविधाओं के लिए किसी अन्य अस्पताल की जरूरत नहीं पड़ती। इसी संदर्भ में उन्होंने नसबंदी के बाद भी बच्चे के जन्म का जिक्र कर डाला।

बोले- डॉक्टर तैयार करना कठिन काम

सांसद मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी-तीन गुनी बढ़ाने का संकल्प लिया है। 2047 तक भारत में डॉक्टरों का अनुपात विकसित देशों की तरह होगा। लेकिन डॉक्टर तैयार करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार पैसे दे रही है, आयुष्मान योजना से गरीबों का इलाज हो रहा है और अस्पतालों का आधुनिकीकरण भी हो रहा है, परंतु मानव संसाधन तैयार करने में कठिनाई आती है।

पहले भी दे चुके हैं बयान

यह पहला मौका नहीं है जब जनार्दन मिश्रा अपने बयान को लेकर चर्चा में आए हों। वे समय-समय पर ऐसी टिप्पणियां करते रहे हैं जो सुर्खियां बटोरती हैं।

  • जून 2024 में एक स्कूल कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि “अगर मैं सांसद नहीं होता तो चाकू चला रहा होता।”
  • नवंबर 2024 में उन्होंने ऑनलाइन शादियों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि “भविष्य में जब बच्चे ऑनलाइन पैदा होंगे तो वे स्टील के होंगे या मांस और हड्डी के?”
  • वहीं, एक अन्य कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, “दारू, गांजा, गुटखा या थिनर कुछ भी कर लो, लेकिन जल की कीमत समझो।”

फिर विवादों में फंसे

सांसद का ताजा बयान नसबंदी जैसी गंभीर चिकित्सा प्रक्रिया को लेकर है, जिस पर आम लोगों के बीच चर्चा शुरू हो गई है। जहां कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने इसे हंसी-मजाक में लिया, वहीं कई लोगों का मानना है कि सांसद को इस तरह के संवेदनशील विषयों पर बोलते समय संयम बरतना चाहिए।

Related News
Home
Web Stories
Instagram
WhatsApp