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CM यादव की अमर्यादित भाषा पर कांग्रेस का राज्यपाल को पत्र, कार्रवाई की मांग

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Published On: 28 September 2025

मध्यप्रदेश की राजनीति इन दिनों गरमा गई है। विपक्ष कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन यादव की भाषा और रवैये को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताते हुए राज्यपाल मंगू भाई पटेल को पत्र लिखा है। पत्र में कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री बार-बार विपक्ष का अपमान कर रहे हैं और अपने पद की गरिमा को ठेस पहुँचा रहे हैं। पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लिखा है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव विपक्ष और कांग्रेस नेताओं के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। उनके वक्तव्यों में “रात की उतरती नहीं होगी, नशा चढ़ गया होगा”, “कांग्रेसियों को चप्पल मारो” और “मूर्ख कांग्रेसी” का जिक्र करते हुए कहा गया कि ऐसे बयान लोकतांत्रिक संस्कृति पर धब्बा हैं और मुख्यमंत्री पद की गरिमा को गिराते हैं।

कांग्रेस ने नशा और शराब के बढ़ते चलन पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पत्र में कहा गया है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में आबकारी राजस्व लगातार बढ़ा है और वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने 17,500 करोड़ का लक्ष्य तय किया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार शराब की कमाई पर निर्भर है, जबकि युवाओं में नशे और अवैध शराब का प्रसार गंभीर चिंता का विषय है।

ड्रग्स मामलों में बढ़ोतरी

कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रदेश में ड्रग्स से जुड़े मामलों में बीते दो वर्षों में तेजी से इजाफा हुआ है। युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। विपक्ष ने राज्यपाल से मांग की है कि ड्रग्स रोकथाम और युवाओं के पुनर्वास के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए जाएं।

कांग्रेस ने रखी ये मांगें

  • मुख्यमंत्री विपक्ष के प्रति शालीन भाषा का प्रयोग करें और मर्यादा बनाए रखें।
  • विपक्ष के उठाए मुद्दों का जवाब तथ्यों के आधार पर दिया जाए।
  • शराब व नशे की खपत पर नियंत्रण के लिए विशेष अभियान और पुनर्वास कार्यक्रम चलाए जाएं।
  • मुख्यमंत्री पद की गरिमा और संवैधानिक मर्यादा की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

लोकतंत्र की मजबूती

कांग्रेस ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि वे मामले का संज्ञान लें और मुख्यमंत्री को लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करने की सलाह दें। पत्र में कहा गया है कि सत्ता और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है कि वे राजनीतिक गरिमा बनाए रखें, लेकिन मुख्यमंत्री की भाषा और व्यवहार प्रदेश के युवाओं और राजनीतिक संस्कृति पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं।

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