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भोपाल में अवैध कोठी पर चला निगम का बुलडोज़र, ड्रग और रेप केस के आरोपियों की ढहाई संपत्ति

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Published On: 21 August 2025

भोपाल | राजधानी भोपाल में गुरुवार को प्रशासन और पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ड्रग तस्करी और रेप-ब्लैकमेलिंग केस के आरोपी यासीन और शाहवर मछली के परिवार की आलीशान कोठी को जमींदोज़ कर दिया। हथाईखेड़ा स्थित इस तीन मंजिला कोठी को नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीम ने करीब छह जेसीबी और पोकलेन मशीनों की मदद से तोड़ना शुरू किया। कार्रवाई सुबह 11 बजे के आसपास शुरू हुई। इससे पहले कोठी के अंदर रखा सामान बाहर निकाला गया।

सरकारी जमीन पर बना अवैध निर्माण

एसडीएम विनोद सोनकिया और पुलिस के आला अधिकारी कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद रहे। अधिकारियों के मुताबिक, यह कोठी 15 हजार स्क्वायर फीट सरकारी जमीन पर बनाई गई थी, जिसके चलते इसे पूरी तरह ध्वस्त किया जा रहा है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, इस आलीशान इमारत की कीमत 20 से 25 करोड़ रुपए के बीच बताई जा रही है।

कोठी की खासियत यह थी कि इसे 1990 में बनाया गया था और इसमें 30 से ज्यादा कमरे थे। इसके अलावा गैरेज, पार्क और बच्चों के लिए झूला घर जैसी सुविधाएं भी मौजूद थीं। इलाके में इसे ‘मछली की कोठी’ के नाम से जाना जाता था।

आरोपियों पर गंभीर केस दर्ज

भोपाल पुलिस ने कुछ महीने पहले कॉलेज छात्राओं से जुड़े रेप और ब्लैकमेलिंग केस में शाहवर मछली और उसके भतीजे यासीन को गिरफ्तार किया था। इनकी गिरफ्तारी के बाद चाचा शारिक मछली भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया। प्रशासन का कहना है कि अपराधियों की अवैध संपत्तियों पर अब लगातार बुलडोज़र चलेगा ताकि अपराध पर नकेल कसी जा सके।

जिले में पहले भी हो चुकी हैं कार्रवाई

भोपाल में अपराधियों और माफियाओं की अवैध संपत्तियों पर बुलडोज़र चलाने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले करोंद और अरेरा कॉलोनी क्षेत्र में भू-माफिया द्वारा कब्जाई गई करोड़ों की जमीन पर बने मकानों को ध्वस्त किया गया था। इसी साल जून में गांधी नगर इलाके में ड्रग माफिया की अवैध इमारत को गिराया गया था। इसके अलावा, पुराने शहर के क्षेत्रों में भी अवैध कब्जों और अतिक्रमण पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। नगर निगम और जिला प्रशासन का दावा है कि अब किसी भी तरह का अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, खासकर उन लोगों का जो अपराध में संलिप्त हैं।

आमजन की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की सख्त कार्रवाई से अपराधियों का हौसला टूटेगा और आम जनता को राहत मिलेगी। हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि प्रशासन को ऐसे मामलों में और तेजी दिखानी चाहिए, क्योंकि कई माफिया वर्षों से सरकारी जमीनों पर कब्जा किए बैठे हैं।

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