MP में अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं। किसान मुआवजे के लिए भटक रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस ने बीमा कंपनियों और भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला है।
भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस प्रवक्ता राहुल राज ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों की सुरक्षा कवच नहीं बल्कि लूट का जाल बन चुकी है।
राहुल राज का आरोप
किसानों की मेहनत और सरकार की सब्सिडी बीमा कंपनियों और कॉर्पोरेट घरानों की जेब में जा रही है। किसान अपने हक से वंचित हैं।
किसानों के मुआवजे
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि आज हालात ऐसे हैं कि किसानों को मुआवजे के नाम पर ₹50, ₹150 या ₹1500 मिल रहे हैं। जबकि हजारों करोड़ का घोटाला बीमा कंपनियों और भाजपा सरकार की मिलीभगत से हो रहा है।
बैंकों द्वारा बीमा की किस्त काट ली जाती है, लेकिन पोर्टल पर अपलोड नहीं होती। नतीजा यह होता है कि किसान मुआवजे से पूरी तरह वंचित रह जाते हैं।
फसल बीमा योजना की वेबसाइट के आंकड़े
| वर्ष | किसानों से वसूला गया प्रीमियम (₹ करोड़) | 100% क्षतिपूर्ति (₹ करोड़) | किसानों को वास्तविक भुगतान (₹ करोड़) |
|---|---|---|---|
| 2024 | 2,743 | 2,36,803 | 0 |
| 2023 | 2,751 | 36,674 | 775 |
| 2022 | 13,827 | 36,322 | 1,042 |
| 2021 | 6,700 | — | 2,801 |
फर्जी सर्वे से किसान ठगे जा रहे
राहुल राज ने कहा कि पटवारी से लेकर कलेक्टर तक फर्जी रिपोर्ट बनाते हैं। जिन खेतों में कम नुकसान हुआ, उन्हीं को सर्वे में शामिल कर लिया जाता है। जिन किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो जाती है, उनका नुकसान छिपा दिया जाता है।
कुछ गांवों के उदाहरण
| गाँव (जिला) | जमा प्रीमियम (₹) | 100% क्षतिपूर्ति (₹) | किसानों को भुगतान |
|---|---|---|---|
| साइखेड़ा (रायसेन) | 21,04,209 | 2,71,18,919 | नहीं मिला |
| चंदन पिपरिया (रायसेन) | 3,96,051 | 1,99,01,293 | नहीं मिला |
| घोसू ताल (विदिशा) | 12,62,232 | 78,58,793 | नहीं मिला |
| फराड (शाजापुर) | 13,32,978 | 3,66,99,711 | नहीं मिला |
कांग्रेस की मांगें
- फसल बीमा घोटाले की न्यायिक जांच कराई जाए।
- किसानों को तुरंत वास्तविक मुआवजा दिया जाए।
- बीमा कंपनियों को मजबूर किया जाए कि वे पूरा भुगतान करें।
- योजना की समीक्षा कर इसे पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जाए।
- सर्वे खेत स्तर पर किया जाए, न कि हल्का स्तर पर।
