, , ,

MP में दलित अत्याचारों का सिलसिला जारी, कांग्रेस ने उठाए सवाल

Author Picture
Published On: 23 October 2025

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने वीडियो कॉल के जरिए हाल ही में हुए एक गंभीर दलित अत्याचार के मामले में पीड़ित युवक से बिस्तृत जानकारी ली। युवक ने बताया कि उसने कुछ दिन पहले दतावली गांव के सोनू बरुआ की बोलेरो चलाने का काम छोड़ दिया था और ग्वालियर के दीनदयाल नगर में अपने ससुराल में रहने लगा। सोमवार रात आरोपी ग्वालियर पहुंचे, पीड़ित को जबरन कार में बिठाकर भिंड के सुरपुरा गांव ले गए। वहां उन्होंने उसे बेरहमी से पीटा, जबरन शराब पिलाई और पेशाब पीने के लिए मजबूर किया। पीड़ित की हालत बिगड़ने पर आरोपी उसे वहीं छोड़कर फरार हो गए। पीड़ित ने फोन कर परिजनों को सूचना दी, जिन्होंने उसे अस्पताल पहुंचाया। पटवारी ने सवाल उठाया कि भाजपा सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है।

दलित अत्याचारों की बढ़ती श्रृंखला

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में मध्य प्रदेश में 7,732 दलित अत्याचार के मामले दर्ज हुए, जो पूरे देश में तीसरे स्थान पर है। भाजपा शासित राज्यों में दलितों के खिलाफ अपराधों का दर सबसे अधिक है।

कुछ प्रमुख घटनाएं

  • 16 अक्टूबर 2025, कटनी: अवैध रेत खनन का विरोध करने पर दलित युवक को सरपंच के पुत्र और तीन अन्य ने पीटा।
  • 27 नवंबर 2024, शिवपुरी: 30 वर्षीय दलित नरद जाटव को बोरवेल विवाद में सरपंच और परिवार ने पीट-पीटकर मार डाला।
  • 20 जून 2025, छतरपुर: 19 वर्षीय किशोर पंकज प्रजापति को राशन मांगने पर गोली मारी गई।
  • 21 जुलाई 2024, खजुराहो: दलित सफाईकर्मी रोहित वाल्मीकि को पुलिस ने पीटा।
  • 25 जुलाई 2024, कटनी: दलित मां और नाबालिग पुत्र को पुलिस ने थाने में पीटा।

कांग्रेस का आरोप

पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में “जुल्म का जंगलराज” कायम है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, जो गृह मंत्री भी हैं, विदेश यात्रा पर रहते हैं, जबकि अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। एनसीआरबी डेटा बताता है कि भाजपा शासित प्रदेश में दलितों पर अपराधों का दर 43.4% है, जो देश में सबसे अधिक है। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा का “सबका साथ, सबका विकास” का नारा खोखला साबित हो रहा है। कांग्रेस पार्टी ने वादा किया कि वह दलितों और वंचितों के अधिकारों की रक्षा के लिए आखिरी सांस तक संघर्ष करेगी और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों पर अडिग रहेगी।

Related News
Home
Web Stories
Instagram
WhatsApp