MP सरकार ने पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत बढ़ाने का बड़ा फैसला लिया है। अब 4.5 लाख पेंशनभोगियों को 53 प्रतिशत की जगह 55 प्रतिशत महंगाई राहत (डीआर) दी जाएगी। यह निर्णय मंगलवार को कैबिनेट में मंजूर हुआ और बुधवार को वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए। हालांकि इस आदेश में पिछले आठ महीने के एरियर्स देने का कोई जिक्र नहीं किया गया है, जिससे पेंशनर्स को आर्थिक नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
महंगाई राहत
फैसले के अनुसार, छठवें वेतनमान पर 6 प्रतिशत और सातवें वेतनमान पर 2 प्रतिशत महंगाई राहत बढ़ाई गई है। वित्त विभाग ने बताया कि इसका लाभ 1 सितंबर 2025 से लागू होगा और यह अक्टूबर में मिलने वाली पेंशन में शामिल किया जाएगा। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह राहत केवल पेंशन और परिवार पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर ही लागू होगी, जिनका सेवा काल राज्य के उपक्रमों, निगमों, स्वशासी संस्थाओं और मंडलों में रहा हो।
2 प्रतिशत की वृद्धि
जानकारी के अनुसार, जनवरी 2025 में कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की वृद्धि दी गई थी, लेकिन पेंशनर्स की महंगाई राहत में तब कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। अब यह बढ़ोतरी महंगाई राहत के रूप में की गई है। हालांकि, पिछले आठ महीने के एरियर्स को लेकर सरकार ने कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए हैं, जिससे पेंशनर्स मान रहे हैं कि यह राशि उन्हें नहीं मिलेगी। इस फैसले से इस वित्तीय वर्ष में सरकारी खजाने पर लगभग 170 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा।
कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय…
💠 प्रदेश में Raising and Accelerating MSME Performance (RAMP) योजना को सैद्धांतिक रूप से लागू किए जाने की स्वीकृति@DrMohanYadav51 #CMMadhyaPradesh #MadhyaPradesh #CabinetDecisions #CabinetMP pic.twitter.com/AK0Vt765jW
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) October 14, 2025
जारी आदेश में गलती
वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश में एक गलती भी सामने आई है। हिंदी में आदेश में 55 प्रतिशत लिखा गया है, जबकि अंग्रेजी में इसे 53 प्रतिशत बताया गया है। इस गलती के कारण गलत सूचना पूरे प्रदेश और अन्य राज्यों तक पहुंच गई।
इससे पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अगस्त 2025 में पेंशन बढ़ोतरी की मंजूरी दी थी। छग सरकार ने एमपी पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 के तहत पेंशनर्स और परिवार पेंशनर्स के लिए छठवें वेतनमान पर 252 प्रतिशत और सातवें वेतनमान पर 55 प्रतिशत महंगाई राहत को मंजूरी दी थी और एमपी सरकार की सहमति मांगी थी।
