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सोयाबीन किसानों के लिए मुआवजे और बीमे की मांग तेज, AAP ने CM को भेजा पत्र; मुआवजे की रखी मांग

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Published On: 29 August 2025

भोपाल/नीमच | प्रदेश में लगातार हो रही अतिवृष्टि, पीला मोजेक रोग और कुछ क्षेत्रों में अल्पवृष्टि के चलते सोयाबीन की फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है। किसानों की इस गंभीर स्थिति को देखते हुए आम आदमी पार्टी, मध्यप्रदेश ने मुख्यमंत्री से प्रभावित किसानों को राहत दिलाने की मांग की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता इंजीनियर नवीन कुमार अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र भेजकर 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा और फसल बीमा का लाभ देने की मांग की है। पत्र की प्रतियां राज्यपाल, केंद्रीय कृषि मंत्री और मुख्य सचिव को भी भेजी गई हैं।

बर्बाद हुई सोयाबीन की फसल

अग्रवाल ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि मालवा और नर्मदा घाटी क्षेत्र में सोयाबीन प्रमुख फसल है। लेकिन इस बार लगातार बारिश और रोगों की मार से किसानों की फसलें लगभग 80 प्रतिशत तक नष्ट हो चुकी हैं। कई जगह जड़ों के गलने और पीला मोजेक के प्रकोप ने किसानों को गहरी आर्थिक चोट दी है। वहीं जिन जिलों में अल्प वर्षा हुई है, वहां भी फसल का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

किसानों पर दोहरी मार

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि पहले से ही बढ़ी हुई उत्पादन लागत ने किसानों की कमर तोड़ रखी है। ऐसे में प्राकृतिक आपदा से हुई फसल बर्बादी किसानों के लिए दोहरी मार साबित हो रही है। वर्तमान हालातों में किसान न सिर्फ कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं, बल्कि अपने परिवार का भरण-पोषण भी मुश्किल से कर पा रहे हैं।

किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़

अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि मध्यप्रदेश कृषि प्रधान राज्य है और यहां की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार किसान हैं। किसानों को राहत पहुंचाना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। अगर किसानों को समय रहते मुआवजा और बीमे का लाभ नहीं मिला, तो उनकी स्थिति और भी खराब हो जाएगी।

तुरंत करवाया जाए सर्वे

आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि प्रभावित क्षेत्रों का तत्काल सर्वे करवाकर किसानों को 50 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाए। साथ ही, फसल बीमा योजना का लाभ सुनिश्चित किया जाए, ताकि किसान इस आपदा के बाद भी अपने जीवनयापन और कृषि कार्य को आगे बढ़ा सकें।

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