मध्यप्रदेश में मतदाता सूची सुधार के लिए चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) कार्यक्रम को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने आरोप लगाया है कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की नियुक्तियों में भारी अनियमितताएं की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दबाव में आकर निर्वाचन आयोग अपनी निष्पक्षता खो रहा है, जो लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। वर्मा ने बताया कि राज्य के कई जिलों में आयोग के तय नियमों को ताक पर रखकर फारेस्ट गार्ड, मिड-डे मील कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिकाएं, मीटर रीडर और आउटसोर्स कर्मचारियों को BLO बना दिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब BLO का काम मतदाता सूची का सटीक सत्यापन करना है, तो अस्थायी और अनुबंधित कर्मचारियों को यह जिम्मेदारी देना कैसे उचित है?
वर्मा का कहना है कि ये कर्मचारी स्थायी नियुक्ति की आस में सरकार के प्रभाव में काम कर सकते हैं, जिससे मतदाता सूची की निष्पक्षता पर सीधा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद को भी कमजोर करता है।
मैदानी काम संभव नहीं
कांग्रेस नेता ने उदाहरण देते हुए कहा कि वनरक्षक (फॉरेस्ट गार्ड) जैसे कर्मचारी अपने कार्यक्षेत्र से दूर होते हैं, ऐसे में उनका घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन करना लगभग असंभव है। इसी तरह, मिड-डे मील कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायिकाएं नियमित सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। फिर भी उन्हें BLO नियुक्त करना पूरी तरह गैरकानूनी और अव्यवहारिक है। वर्मा ने कहा कि कई जिलों में कलेक्टरों द्वारा पारदर्शिता के आदेश दिए जाने के बावजूद BLO नियुक्तियों में धांधली जारी है।
वर्मा ने आगे कहा कि मतदाता सूची की शुद्धता को लेकर आधार कार्ड लिंकिंग में भी कोताही बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद आयोग आधार कार्ड को प्रमाणिक दस्तावेज के रूप में मानने में हिचकिचा रहा है। उन्होंने कहा, “निर्वाचन आयोग ने बिना तैयारी के SIR कार्यक्रम थोप दिया है। कई जगह फॉर्म, सामग्री और दस्तावेज तक उपलब्ध नहीं हैं। ऐसा लगता है जैसे सारा काम राजनीतिक दबाव में जल्दबाजी से किया जा रहा है ताकि मतदाता सूची में मनमाफिक फेरबदल किए जा सकें।”
कांग्रेस की चेतावनी
- BLO नियुक्तियों की तुरंत समीक्षा की जाए।
- अयोग्य और अनुचित BLO को तत्काल हटाया जाए।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आधार लिंकिंग को अनिवार्य किया जाए और उसे प्रामाणिक दस्तावेज माना जाए।
- वर्मा ने कहा कि आयोग को भाजपा सरकार के दबाव से मुक्त होकर पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से काम करना चाहिए।
अगर कार्रवाई नहीं हुई तो होगा आंदोलन
अंत में सज्जन सिंह वर्मा ने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो कांग्रेस पार्टी राज्यभर के जिला निर्वाचन कार्यालयों पर चरणबद्ध विरोध प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र का आधार निष्पक्ष चुनाव हैं। अगर मतदाता सूची ही संदिग्ध हो जाएगी, तो लोकतंत्र का अर्थ ही खत्म हो जाएगा।
