रीवा जिले के सेमरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल अचानक निरीक्षण पर पहुंच गए। अस्पताल प्रबंधन को जैसे ही उनकी आमद की खबर मिली, पूरे स्टाफ के हाथ-पांव फूल गए। वॉशरूम की हालत देखकर डिप्टी सीएम इतने नाराज हुए कि उन्होंने वहीं रुककर साफ-सफाई पूरी होने तक आगे बढ़ने से साफ इंकार कर दिया।
डिप्टी सीएम जब अस्पताल परिसर में पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले आसपास का निरीक्षण किया। इस दौरान जब वह वॉशरूम की तरफ बढ़े तो गंदगी देखकर ठिठक गए। वॉशरूम के बाहर पानी फैला हुआ था और बदबू से खड़ा रहना मुश्किल था। यह देखकर उन्होंने अधिकारियों से कहा, “जब तक ये साफ नहीं होता, मैं आगे नहीं जाऊंगा।”
हरकत में आए कर्मचारी
यह सुनते ही अधिकारी और सफाईकर्मी तुरंत हरकत में आ गए। किसी ने बाल्टी मंगवाई, तो किसी ने एसिड की बोतल उठा ली। पांच मिनट के अंदर पूरा स्टाफ वॉशरूम की सफाई में जुट गया। कुछ ही देर में वहां सफाई कराई गई और बदबू खत्म की गई। सफाई पूरी होने के बाद डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि अस्पताल साफ-सुथरा रहना चाहिए। उन्होंने पूछा कि आखिर गंदगी बार-बार क्यों होती है? इस पर अस्पताल स्टाफ ने कहा कि “लोग वॉशरूम के अंदर ही कचरा फेंक देते हैं, जिससे पाइप जाम हो जाता है।”
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सेमरिया के निरीक्षण की झलकियां… pic.twitter.com/bgnUY9FrMR
— Rajendra Shukla (@rshuklabjp) November 2, 2025
इस पर डिप्टी सीएम ने जवाब दिया, “तो फिर बाहर डस्टबिन रखवाओ। और जो भी कचरा फेंके, उसे समझाओ कि डस्टबिन में ही डाले।” जब अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि “लोग डस्टबिन तोड़ देते हैं,” तो उन्होंने दो टूक कहा, “तो जितनी बार टूटे, उतनी बार नया लगाओ। इसमें कौन सी बड़ी बात है!”
दी कई हिदायतें
निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम के साथ पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी और स्थानीय अधिकारी भी मौजूद रहे। शुक्ल ने अस्पताल की दवा वितरण व्यवस्था, वार्ड की स्थिति और मरीजों के इलाज की सुविधा की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मरीजों को स्वच्छ वातावरण मिलना चाहिए, तभी अस्पतालों पर जनता का भरोसा बन पाएगा। डिप्टी सीएम के जाने के बाद अस्पताल स्टाफ ने राहत की सांस ली, लेकिन साथ ही यह भी तय किया कि अब सफाई व्यवस्था पर और ज्यादा ध्यान देना होगा क्योंकि अब “औचक निरीक्षण” किसी भी वक्त हो सकता है।
