भोपाल में मेट्रो ब्लू लाइन के तीन स्टेशन को लेकर चल रहा विवाद अब निर्णायक दौर में पहुंच गया है। पुलिस ने 14 में से 3 स्टेशन कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल), लाल परेड ग्राउंड और रोशनपुरा स्टेशन को मौजूदा जगह से हटाने का सुझाव दिया है। कारण यह है कि इन जगहों पर बड़े सरकारी और राजनीतिक कार्यक्रम होते हैं, जिससे सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर दिक्कत आ सकती है।
मिंटो हॉल में नियमित रूप से सरकारी बैठकें और राजनीतिक कार्यक्रम होते हैं, जबकि लाल परेड ग्राउंड पर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे बड़े आयोजन होते हैं। ऐसे में पुलिस का मानना है कि मेट्रो स्टेशन की भीड़ और कार्यक्रमों की तैयारियों में टकराव की स्थिति बन सकती है।
यात्री सुविधा
हालांकि, मेट्रो प्रोजेक्ट के अफसरों का कहना है कि इन स्टेशनों को पूरी तरह कवर्ड (ढंके हुए) बनाया जाएगा। दिल्ली और अन्य शहरों में भी ऐसे कवर्ड स्टेशन हैं, जहां यात्री सुविधाओं या आयोजनों में कोई परेशानी नहीं आती। उनका कहना है कि अगर स्टेशन की संरचना सही रखी जाए तो किसी आयोजन या सुरक्षा पर असर नहीं पड़ेगा।
फिलहाल मेट्रो अफसर और पुलिस अधिकारियों के बीच चर्चा चल रही है। संयुक्त बैठक में अंतिम फैसला लिया जाएगा कि स्टेशन मौजूदा जगह पर रहेंगे या नई लोकेशन तय की जाएगी।
3 स्टेशन पर विवाद
बाकी 11 स्टेशन को लेकर किसी तरह की आपत्ति नहीं है। प्रशासन फिलहाल इन तीन विवादित स्टेशनों को लेकर “बीच का रास्ता” निकालने की कोशिश कर रहा है ताकि परियोजना का काम भी रुके नहीं और सुरक्षा या आयोजन में भी दिक्कत न आए।
इधर, ऑरेंज लाइन के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर कमर्शियल रन की तैयारियां तेज हैं। उम्मीद है कि इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेट्रो को हरी झंडी दिखा सकते हैं। हाल ही में कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) की टीम ने एम्स से सुभाषनगर तक 6.22 किलोमीटर के हिस्से का निरीक्षण किया था।
बड़ी अड़चनें
जल्द ही एक और टीम जांच करने आएगी। अगर सुरक्षा और तकनीकी मानकों पर सबकुछ सही पाया गया, तो “ओके रिपोर्ट” जारी कर दी जाएगी। इसके बाद भोपाल में मेट्रो के पहले चरण की शुरुआत की तारीख तय हो जाएगी। वहीं, दूसरे चरण के काम में अभी पांच बड़ी अड़चनें बनी हुई हैं, जिन्हें जल्द दूर करने की तैयारी की जा रही है।