,

AIIMS भोपाल के डॉक्टर सुनील पाटीदार को मिला राष्ट्रीय रिसर्च अनुदान, रूमेटाइड आर्थराइटिस में नई दिशा

Author Picture
Published On: 22 October 2025

AIIMS भोपाल के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर सुनील पाटीदार को भारतीय रूमेटोलॉजी एसोसिएशन से दो लाख रुपए का राष्ट्रीय रिसर्च अनुदान मिला है। यह अनुदान उनके रिसर्च प्रोजेक्ट “Metabolomic Profiling for Predicting Methotrexate Response in Rheumatoid Arthritis Patients: A Prospective Cohort Pilot Study” के लिए दिया गया है। इस रिसर्च का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि रूमेटाइड आर्थराइटिस के किस मरीज पर मेथोट्रेक्सेट दवा सबसे अधिक असरदार साबित होगी।

मेथोट्रेक्सेट पर रिसर्च

मेथोट्रेक्सेट रूमेटाइड आर्थराइटिस का सबसे आम उपचार है, लेकिन हर मरीज पर इसका असर अलग होता है। डॉ. पाटीदार इस रिसर्च में मेटाबोलोमिक प्रोफाइलिंग तकनीक का उपयोग करेंगे। इस तकनीक के जरिए शरीर में मौजूद छोटे रासायनिक तत्वों का विश्लेषण करके यह जाना जाएगा कि मरीज की बॉडी दवा पर कैसी प्रतिक्रिया देगी। इससे डॉक्टरों को यह समझने में मदद मिलेगी कि किस मरीज को दवा देना ज्यादा प्रभावी रहेगा।

बेहतर इलाज की उम्मीद

रूमेटाइड आर्थराइटिस एक पुरानी सूजन संबंधी बीमारी है, जो जोड़ों में दर्द, सूजन और चलने-फिरने की क्षमता में कमी का कारण बनती है।
इस रिसर्च के नतीजे आने के बाद मरीजों को सटीक और पर्सनलाइज्ड इलाज मिल सकेगा। यानी हर मरीज के शरीर के हिसाब से उपचार तय होगा। इससे न केवल दवा के दुष्प्रभाव कम होंगे बल्कि इलाज के परिणाम भी ज्यादा प्रभावी होंगे।

एम्स भोपाल की रिसर्च में उपलब्धि

एम्स भोपाल के जनरल मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर वैभव कुमार इंगले के मार्गदर्शन में यह अध्ययन किया जाएगा। प्रो. इंगले ने कहा कि यह उपलब्धि केवल संस्थान के लिए गर्व का विषय नहीं है, बल्कि मध्यप्रदेश में उच्च स्तरीय चिकित्सा अनुसंधान को बढ़ावा देने वाला उदाहरण भी है।
यह रिसर्च मेडिकल साइंस में प्रिसिजन मेडिसिन की दिशा में अहम कदम साबित होगी और भविष्य में मरीजों को ज्यादा बेहतर और सुरक्षित उपचार मिलने की संभावना बढ़ाएगी।

Related News
Home
Web Stories
Instagram
WhatsApp