MP के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की निवेश संवर्धन पहल का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। ऊर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नया निवेश आ रहा है, जिससे प्रदेश की ऊर्जा सुरक्षा और मज़बूत होगी। टोरेंट पावर और अडानी पावर जैसी दिग्गज कंपनियां अब मध्यप्रदेश में बिजली उत्पादन के लिए काम शुरू कर चुकी हैं। इन परियोजनाओं से न सिर्फ बिजली उत्पादन बढ़ेगा बल्कि लगभग 17 हजार लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
टोरेंट पावर का सबसे बड़ा निवेश
अहमदाबाद की टोरेंट पावर लिमिटेड ने मध्यप्रदेश में 1600 मेगावॉट का थर्मल प्रोजेक्ट लगाने का फैसला किया है। इसके लिए कंपनी करीब 22 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MPPMCL) ने इस परियोजना के लिए कंपनी को “लेटर ऑफ अवार्ड” जारी कर दिया है।
यह प्रोजेक्ट अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित होगा, जिसमें पुराने संयंत्रों की तुलना में ज्यादा दक्षता और कम प्रदूषण होगा। टोरेंट पावर अगले 72 महीनों (6 साल) में इस प्रोजेक्ट को चालू करेगी और अगले 25 साल तक MPPMCL को तय दर पर बिजली उपलब्ध कराएगी। निर्माण के दौरान 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
अडानी पावर का नया संयंत्र
इसी कड़ी में अडानी पावर भी अनूपपुर जिले में 800 मेगावॉट का ताप विद्युत संयंत्र स्थापित करेगी। इस परियोजना में कंपनी लगभग 10 हजार 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। 54 महीनों में तैयार होने वाला यह संयंत्र भी DBFOO मॉडल के तहत बनाया जाएगा और प्रदेश को सस्ती और विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराएगा। इसके निर्माण से करीब 7 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा और चालू होने के बाद एक हजार से ज्यादा स्थायी कर्मचारी यहां काम करेंगे।
ऊर्जा सुरक्षा और विकास को बल
प्रदेश पहले से ही पावर सरप्लस राज्य के तौर पर जाना जाता है, लेकिन तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और उद्योगों की जरूरत को देखते हुए नए निवेश बेहद अहम हैं। इन दोनों परियोजनाओं से मध्यप्रदेश को ग्रिड में स्थिर और सस्ती बिजली मिलेगी। साथ ही, केंद्र सरकार के 2032 तक 80 गीगावॉट नई क्षमता जोड़ने के लक्ष्य में भी राज्य का योगदान बढ़ेगा।
