भोपाल/नीमच | मध्यप्रदेश की राजनीति में बुधवार को किसान मुद्दा गरमा गया। आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को न तो एमएसपी मिल रही है और न ही उनकी लागत घट रही है। फसल का दोगुना दाम वादा था, हकीकत में लागत भी नहीं निकल रही।
AAP प्रदेश प्रवक्ता इंजीनियर नवीन कुमार अग्रवाल ने कहा कि 2014 में भाजपा ने किसानों को फसल का दोगुना दाम देने का वादा किया था, लेकिन आज 11 साल बाद भी किसानों को लागत तक नहीं मिल रही। उल्टा भाजपा सरकार की नीतियों से हर साल लागत बढ़ रही है और किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं।
भाजपा सिर्फ उद्योगपतियों की सरकार
अग्रवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा की नीतियां उद्योगपतियों के लिए हैं, किसानों के लिए नहीं। उद्योगपतियों को सम्मेलन, नीतियां और रियायतें मिलती हैं, जबकि किसानों के हिस्से में सिर्फ वादे और लाठियां आती हैं। 30 रुपये के डीजल पर सरकार 70 रुपये टैक्स लगाकर किसानों को 100 रुपये लीटर में बेच रही है। खाद, बीज, ट्रैक्टर, हार्वेस्टर सब पर जीएसटी से लागत आसमान छू गई।
- डीजल-टैक्स ने दोगुनी कर दी लागत
- 2014 से पहले 300 रु. प्रति बीघा में हल चल जाता था।
- आज वही खेत 600 रु. प्रति बीघा में हल रहा है।
वजह: डीजल पर टैक्स का बोझ।
शिवराज के बयान पर कटाक्ष
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सवाल खड़े करते हुए AAP नेता बोले कि शिवराज जी कहते हैं कि किसानों की लागत कम करेंगे, लेकिन सच्चाई यह है कि भाजपा ने ही लागत बढ़ाई है। उनका बयान किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।
AAP की 4 बड़ी मांगे
- किसानों से जुड़ी सभी वस्तुओं पर जीएसटी खत्म किया जाए।
- डीजल किसानों को टैक्स फ्री, 30 रुपये प्रति लीटर दिया जाए।
- किसानों को बिजली मुफ्त उपलब्ध कराई जाए।
- अडानी को जिस तरह जमीन सस्ते में दी गई, वैसे ही किसानों को खेती संसाधन सस्ती दरों पर मिलें।
अब AAP की एंट्री
किसान मुद्दे पर अब तक भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने थे। अब AAP भी मैदान में उतर आई है। पार्टी ने साफ कहा है कि भाजपा सिर्फ जुमलेबाज भाषणों में माहिर है, लेकिन किसानों को अब तक कोई राहत नहीं मिली।
