MP के भोपाल और आसपास के इलाकों में रविवार को तेज बारिश का दौर लगातार जारी रहा। राजधानी भोपाल में दोपहर से आसमान में बादल छाए रहे और तेज बारिश से शहर के कई हिस्सों में पानी भर गया। रायसेन जिले में भी दोपहर से रुक-रुक कर बारिश होती रही, जिससे मुख्य सड़कों पर लगभग 1 फीट तक पानी जमा हो गया।
सागर में भी गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश हुई। इसके अलावा विदिशा, श्योपुर और बैतूल में भी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। बाकी जिलों में 10 अक्टूबर तक बारिश लौट सकती है। इस बीच तेज और हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा।
मौसम का अचानक बदलाव
भोपाल में मानसून सीजन बीतने के चार दिन बाद मौसम ने अचानक बदलते हुए तेज बारिश दी। दोपहर 3:30 बजे तक बादलों की आवाजाही रही और इसके बाद तेज बौछारें शुरू हुईं। रात 8:30 बजे तक शहर में 7 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस दौरान भोपाल के तीन प्रमुख डेम कोलार, कलियासोत और भदभदा के गेट एक ही दिन खोले गए।
कोलार डेम का गेट सुबह 8 बजे खोला गया। रात 8:30 बजे भदभदा डेम के गेट खोलकर बड़े तालाब से पानी की निकासी की गई और 10 मिनट बाद कलियासोत डेम के दो गेट खोले गए। इस सीजन में कलियासोत और भदभदा डेम के गेट दसवीं बार खोले गए हैं।
अधिकांश जिलों में बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, अब तक ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम से मानसून विदा हो चुका है। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों में भी मानसून विदाई हुई है।
प्रदेश के पूर्वी हिस्से में एक लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) सक्रिय है, जो बारिश का मुख्य कारण बना। गुना जिले में सबसे ज्यादा बारिश हुई है, 65.6 इंच दर्ज की गई। मंडला और रायसेन में 62 इंच से ज्यादा पानी गिरा। श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच बारिश हुई। सबसे कम बारिश वाले जिलों में शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार शामिल हैं।
इंदौर संभाग में भी स्थिति सुधरी
इस मानसूनी सीजन की शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग में बारिश कम थी। सितंबर में तेज बारिश के बाद इंदौर में सामान्य कोटा पूरा हो गया। उज्जैन जिले में अब भी कोटा पूरा नहीं हुआ। शाजापुर अब भी सबसे कम बारिश वाला जिला बना हुआ है।
पूर्वी मध्यप्रदेश यानी जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में मानसून ने जोरदार बारिश दी। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़ और उमरिया में कई जगह बाढ़ जैसी स्थिति बनी। ग्वालियर-चंबल संभाग में भी सभी आठ जिलों में कोटे से ज्यादा बारिश हुई है।
आगे का मौसम
मौसम विभाग का अनुमान है कि 10 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी जिलों से मानसून विदा ले लेगा। हालांकि, नया सिस्टम बनने की संभावना के कारण कुछ जगहों पर बारिश और हो सकती है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में नागरिकों को जलभराव और सड़क बाधाओं के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी गई है।