भोपाल | MP के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने मंगलवार को मंत्रालय में विभागीय समीक्षा बैठक कर उच्च शिक्षा विभाग की विभिन्न गतिविधियों और प्रकरणों की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में लंबित न्यायिक मामलों से लेकर शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रशासनिक अनुशासन तक पर गंभीरता से चर्चा हुई। मंत्री परमार ने सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट में लंबित मामलों की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इन्हें प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए।
साथ ही, निलंबन से संबंधित विभागीय प्रकरणों, जो बिना कारण लंबे समय से लंबित हैं, उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार समय पर निपटाने के निर्देश भी दिए।
फर्जी उपस्थिति पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश
समीक्षा के दौरान सार्थक ऐप पर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने की शिकायतों पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी एवं अतिथि विद्वान, जो इस तरह की अनुचित गतिविधियों में लिप्त पाए जाएं, उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। परमार ने जनभागीदारी समिति के नियमों की समीक्षा कर उन्हें वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप अद्यतन करने की जरूरत बताई। इसके लिए विभाग को समसामयिक संशोधन और कार्यवाही के निर्देश दिए गए।
आज मंत्रालय स्थित प्रतिकक्ष में, उच्च शिक्षा विभाग की बैठक लेकर विभिन्न विभागीय विषयों एवं गतिविधियों की समीक्षा की।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में लंबित विभिन्न प्रकरणों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के निलंबन से… pic.twitter.com/tu2v0fW44r
— इन्दरसिंह परमार (@Indersinghsjp) July 15, 2025
महाविद्यालयों का सुदृढ़ीकरण
मंत्री ने क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालयों को सुदृढ़ बनाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार कर शीघ्र क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही, उन्होंने राज्य के एकल संकाय महाविद्यालयों को बहुसंकाय महाविद्यालयों में उन्नयन करने की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए, जिससे शैक्षणिक विकल्पों की विविधता और गुणवत्ता में सुधार हो सके।
बैठक में अधिकारी रहे उपस्थित
इस समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, आयुक्त उच्च शिक्षा प्रबल सिपाहा सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
