डॉ. अंबेडकर जनकल्याण समिति ने प्रेस वार्ता कर स्पष्ट किया कि अनुसूचित जाति समाज, IAS संतोष वर्मा के साथ खड़ा है। समिति ने आरोप लगाया कि वर्मा के बयान को जानबूझकर तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया और इसे जातिगत विवाद का रूप देने की कोशिश की जा रही है।
वायरल वीडियो पर आपत्ति
समिति के अध्यक्ष सुनील अहिरवार ने कहा कि संतोष वर्मा का पूरा भाषण 27 मिनट का था, लेकिन सोशल मीडिया पर केवल 30 सेकंड की क्लिप वायरल की गई। अहिरवार के अनुसार, इस छोटे से हिस्से को संदर्भ से अलग दिखाकर गलत अर्थ निकाले गए। उन्होंने कहा कि वर्मा एक वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं, जिन्होंने अपने करियर में कभी किसी जाति के प्रति अनादर का रवैया नहीं दिखाया। इसके बावजूद, किसी की भावना आहत न हो, इसलिए उन्होंने स्वेच्छा से माफी दी, फिर भी विवाद खड़ा किया जा रहा है।
तिवारी पर गंभीर आरोप
समिति ने हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी पर भी तीखे आरोप लगाए। अहिरवार ने दावा किया कि तिवारी ने संतोष वर्मा की पत्नी को लेकर अभद्र और अशोभनीय टिप्पणी की, जिसने अनुसूचित जाति समाज को गहरी चोट पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान किसी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देते। समिति ने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में तिवारी का पुतला दहन किया जाएगा।
समिति का आरोप
समिति ने यह भी कहा कि देश में जातिगत भेदभाव अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। अहिरवार के मुताबिक, जब अनुसूचित जाति समाज के लोग IAS जैसे बड़े पदों तक पहुंचते हैं, तो कुछ लोग इसे स्वीकार नहीं कर पाते। इसी मानसिकता के चलते संतोष वर्मा पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि वर्मा को सोशल मीडिया पर लगातार गालियां और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
FIR दर्ज करने की मांग
समिति ने सरकार से मांग की कि संतोष वर्मा को तत्काल सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। साथ ही, सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर अभद्र टिप्पणी करने वालों के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत FIR दर्ज की जाए। समिति ने कहा कि अनुसूचित जाति समाज किसी भी प्रकार का अपमान सहन नहीं करेगा और यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो बड़े पैमाने पर प्रदर्शन भी किए जाएंगे।
