भोपाल | केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से बुधवार को भोपाल में मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) को लेकर गंभीर चर्चा हुई। मंत्री परमार ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत कई बड़े कदम उठाए हैं। खास तौर पर हर जिले में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस खोले गए हैं, जिनमें अब भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ा कंटेंट और कोर्सेस भी जोड़े जा रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा कि हम भारतीय ज्ञान परंपरा को शिक्षा का हिस्सा बना रहे हैं। इसके लिए वर्कशॉप्स और सेमिनार्स से जो सुझाव आए हैं, वो भी लागू किए जा रहे हैं।”
रोजगार से जुड़ी पढ़ाई पर ज़ोर
मंत्री परमार ने यह भी बताया कि राज्य में तकनीकी और उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल बढ़ाया जा रहा है। साथ ही, युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के मकसद से उद्योगों की ज़रूरतों के हिसाब से कोर्स डिजाइन किए जा रहे हैं। हम ऐसी शिक्षा देना चाहते हैं जिससे न सिर्फ़ ज्ञान बढ़े, बल्कि छात्रों को नौकरी भी आसानी से मिले।
आज भोपाल में माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री आदरणीय श्री @dpradhanbjp जी से भेंट एवं शिक्षा के संदर्भ में सारगर्भित चर्चा हुई। इस अवसर पर उन्हें “राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020” के परिप्रेक्ष्य में, राज्य सरकार के नीतिगत निर्णयों, कार्यों, नवाचारों एवं प्रगति से अवगत भी कराया। pic.twitter.com/87cOm5g6Wi
— इन्दरसिंह परमार (@Indersinghsjp) July 2, 2025
ये लोग रहे मौजूद
इस मुलाकात के दौरान स्कूल शिक्षा और परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह, स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. संजय गोयल, तकनीकी शिक्षा आयुक्त अवधेश शर्मा समेत शिक्षा विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।