रीवा जिले में इन दिनों मतदाता सूची के खास गहन पुनरीक्षण (SIR) का काम जोरों पर है। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद पूरे जिले में कर्मचारियों को घर-घर भेजकर गणना पत्रक बांटे जा रहे हैं और फिर उनका सत्यापन कर डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। इसी काम की असल स्थिति जानने के लिए बुधवार को कलेक्टर प्रतिभा पाल अचानक मैदान में उतर पड़ीं। कलेक्टर सुबह सबसे पहले नेहरू नगर के सामुदायिक भवन पहुंचे, जहां मतदान केंद्र क्रमांक 82 बनाया गया है। यहां उन्होंने बीएलओ मधु गुप्ता से पूछा कि गणना पत्रक कितने घरों में दिए, कितने वापस आए, सत्यापन कितने का हुआ, लेकिन जवाब ढंग का नहीं मिल पाया।
इसी बीच स्थानीय लोगों ने भी कलेक्टर से शिकायत कर दी कि उनके मोहल्लों में तो गणना पत्रक सही से बांटे ही नहीं गए। कुछ लोगों ने तो कहा कि मैडम, हमें तो पता ही नहीं चला कब सूची बांटी और कब जमा भी कर ली। शिकायतें सुनते ही कलेक्टर का चेहरा सख्त हो गया और उन्होंने मौके पर ही बीएलओ को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया।
कलेक्टर ने साफ कहा कि मतदाता सूची अपडेट होना बहुत जरूरी है। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोई भी कर्मचारी काम टालने की कोशिश करेगा तो सीधे कार्रवाई होगी।
डेटा एंट्री सेंटर पहुंचकर देखा काम
इसके बाद कलेक्टर पीके स्कूल के पास बने जोन क्रमांक 3 के एसआईआर हेल्प डेस्क पहुंचीं। यहां गणना पत्रकों का डिजिटाइजेशन और डेटा एंट्री चल रही थी। कलेक्टर ने कंप्यूटरों पर चल रहे काम को खुद चेक किया और कर्मचारियों को निर्देश दिए कि एक भी मतदाता का रिकॉर्ड गलत न हो। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि जिन घरों में लोग नहीं मिले, उनका डेटा कैसे जुटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर मतदाता का सत्यापन तय समय में पूरा होना चाहिए, वरना चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होगी।
अधिकारियों की मौजूदगी
निरीक्षण के दौरान एसडीएम हुजूर डॉ. अनुराग तिवारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी सुधीर बेक, नायब तहसीलदार तेजपति सिंह सहित कई अधिकारी साथ रहे। जिला प्रशासन ने साफ कहा है कि मतदाता सूची जितनी साफ और अपडेट होगी, चुनाव उतने ही पारदर्शी होंगे। साथ ही, चेतावनी भी दे दी कि जो कर्मचारी मनमानी करेंगे, उन्हें तुरंत हटाया जाएगा। काम में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
