रीवा | MP के रीवा के चोरहटा थाने में महिला पुलिस अधिकारी से अभद्रता के मामले ने सियासत को गरमा दिया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस घटना को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने पूछा है कि क्या गृहमंत्री अब एक महिला अधिकारी के सम्मान की रक्षा करेंगे, या पार्टी हित में चुप्पी साधे रहेंगे?
मामला भाजपा के पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी से जुड़ा है, जिन्होंने कथित रूप से रीवा की CSP रितु उपाध्याय को थाने में “असंवेदनशील औरत” कहकर अपमानित किया। यही नहीं, इस दौरान त्रिपाठी के समर्थकों ने माहौल को और उग्र बना दिया और महिला अधिकारी पर हमले की कोशिश तक की।
वीडियो वायरल
मीडिया में वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह का व्यवहार एक वरिष्ठ महिला अधिकारी के साथ किया गया, जो कि कानून-व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी निभा रही थीं। इस पूरे घटनाक्रम के बाद कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही है कि क्या महिला सम्मान सिर्फ भाषणों तक सीमित है?
पटवारी ने कही ये बात
जीतू पटवारी ने कहा, “एक जिम्मेदार पद पर बैठी महिला अधिकारी से इस तरह की बदसलूकी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। बीजेपी के नेता सत्ता के गुरूर में पुलिस थानों को भी डराने लगे हैं। यदि गृहमंत्री सचमुच महिलाओं के सम्मान के प्रति गंभीर हैं, तो उन्हें तुरंत केपी त्रिपाठी पर FIR दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए।”
रीवा के चोरहटा थाने में #BJP के पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी ने CSP श्रीमती रितु उपाध्याय जी को ‘असंवेदनशील औरत’ कहा! समर्थकों ने हमले की कोशिश की!
क्या गृहमंत्री,
महिला अधिकारी के,
सम्मान की लड़ाई लड़ेंगे?
त्रिपाठी पर तत्काल FIR करेंगे?@DrMohanYadav51@DGP_MP @mohdept pic.twitter.com/fk5YB5YLYe— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) July 26, 2025
संगठनों में नाराजगी
इस घटनाक्रम को लेकर सामाजिक संगठनों और कई महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी नाराजगी जताई है। लोगों का कहना है कि यदि इसी तरह महिला अधिकारियों को भी धमकाया जाएगा, तो सामान्य महिलाओं की सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है? हालांकि, प्रशासन की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ना ही त्रिपाठी के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस चुप्पी को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है।
अब देखना यह है कि शासन इस मामले को किस गंभीरता से लेता है। क्या महिला अधिकारी के साथ हुई इस घटना को लेकर कोई ठोस कार्रवाई होगी या यह मामला भी सियासी दबावों में दबा दिया जाएगा?
