मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी गुरुवार को अल्प प्रवास पर उमरिया पहुंचे। यहां उन्होंने खाद वितरण केंद्र का निरीक्षण किया और किसानों से सीधी बातचीत की। इस दौरान किसानों ने उन्हें खाद संकट की अपनी परेशानियाँ बताईं। पटवारी ने खुद कलेक्टर धरणेन्द्र जैन और कृषि विभाग के अधिकारियों से भी फोन पर चर्चा कर हालात की जानकारी ली।
खाद संकट
निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत में पटवारी ने प्रदेश सरकार और केंद्र की नीतियों पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की “मोदी गारंटी” पूरी तरह फ्लॉप साबित हुई है। पूरे प्रदेश में यूरिया और डीएपी खाद की भारी कमी है, जिससे किसान परेशान हैं। उन्होंने कहा कि धान की फसल अंतिम चरण में है लेकिन उमरिया समेत कई जिलों में किसानों को एक बार भी खाद नहीं मिल पाई। पटवारी ने सवाल उठाया कि जब किसान को उसकी जरूरत का सामान समय पर ही न मिले तो सरकार की योजनाओं का क्या मतलब?
“कलेक्टर जनता के नहीं, उद्योगपतियों के अफसर”
पटवारी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कलेक्टर जनता की ड्यूटी नहीं निभा रहे, बल्कि उद्योगपतियों के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि शासन-प्रशासन पूरी तरह से माफियाओं के कब्जे में है। किसानों की समस्याओं को सुलझाने के बजाय अधिकारी और नेता अपने फायदे में उलझे हैं।
भाजपा पर सीधा निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में भाजपा के विधायक खुद कलेक्टर की कालर पकड़ते देखे गए, जो सरकार की नाकामी का सबसे बड़ा सबूत है। पटवारी ने भाजपा विधायक संजय पाठक पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी कार्यप्रणाली संदिग्ध है और “उन्हें जेल जाना पड़ेगा।”
आंदोलन की चेतावनी
पटवारी ने किसानों को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस उनकी लड़ाई मजबूती से लड़ेगी। अगर जरूरत पड़ी तो बड़े स्तर पर आंदोलन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अन्नदाता की अनदेखी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उमरिया से शुरू हुआ पटवारी का यह बयान प्रदेश की राजनीति में नई हलचल मचा रहा है। खाद संकट पर उनका यह सीधा हमला सरकार और प्रशासन दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।