न्याय के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से रविवार को भोपाल में एक अनोखी पहल देखने को मिली। राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर जिला न्यायालय परिसर से विधिक जागरूकता मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मकसद था लोगों को यह समझाना कि “न्याय सबके लिए” सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदारी है। इस कार्यक्रम का आयोजन मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देश पर और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में किया गया। सुबह-सुबह न्यायालय परिसर में जैसे ही श्री श्रीवास्तव ने हरी झंडी दिखाई, वैसे ही सैकड़ों प्रतिभागी “विधिक जागरूकता” की दौड़ में शामिल हो गए।
करीब 450 धावकों ने इस मैराथन में हिस्सा लिया। इनमें स्कूली और कॉलेज छात्र, सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ता, अधिवक्ता, पुलिसकर्मी, न्यायालय कर्मचारी और आम नागरिक शामिल थे। सभी ने एक जैसी टी-शर्ट पहनी थी, जिस पर लिखा था “न्याय सबके लिए” जो इस अभियान की असली भावना को दर्शा रही थी।
लगाई प्रदर्शनी
मैराथन दौड़ के बाद जिला न्यायालय के गांधी हाल में एक विधिक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें कानूनों और निःशुल्क विधिक सहायता से जुड़ी जानकारी को सरल भाषा में समझाया गया। प्रदर्शनी में आए लोगों को बताया गया कि कानूनी सहायता सिर्फ अमीरों का हक़ नहीं, बल्कि हर ज़रूरतमंद व्यक्ति का अधिकार है।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इस तरह के आयोजन का असली मकसद आमजन को यह बताना कि न्याय अब सिर्फ अदालत की चारदीवारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक की पहुँच में है। उन्होंने कहा, “कानून तभी प्रभावी होगा जब जनता उसे समझेगी और उसका उपयोग करना सीखेगी।”
ये लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम में विशेष न्यायाधीश राजर्षि श्रीवास्तव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अगिन्द्र द्विवेदी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुनीत अग्रवाल सहित कई न्यायाधीशगण, अभिभाषक संघ के पदाधिकारी और सामाजिक संगठन मौजूद रहे। पुलिस और यातायात विभाग ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
मैराथन में पहला स्थान आकाश महतो ने हासिल किया, जबकि दूसरा करण प्रजापति और तीसरा सौरभ पांडे ने पाया। तीनों विजेताओं को सम्मानित किया गया। इसके अलावा उदय सामाजिक संस्था के बच्चों ने कानून और समाज के रिश्ते पर एक भावनात्मक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसने लोगों का दिल जीत लिया।
कानूनी जागरूकता जरूरी
कार्यक्रम के अंत में विजेताओं और नाटक प्रस्तुत करने वाले बच्चों को प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीवास्तव ने पुरस्कार और प्रशंसा पत्र भेंट किए। यह आयोजन न सिर्फ एक खेल प्रतियोगिता था, बल्कि न्याय की समझ को आमजन के बीच पहुँचाने की एक जीवंत कोशिश भी थी। लोगों ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम समाज में कानूनी जागरूकता बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी हैं।
