रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान स्वास्थ्य केंद्र में रविवार को लोकायुक्त की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम ने बीएमओ डॉक्टर कल्याण सिंह और बाबू शिवशंकर तिवारी को 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई लोकायुक्त ने शिकायत की पुष्टि के बाद की, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मामला तब सामने आया जब जयप्रकाश गुप्ता नाम के एक व्यक्ति, जो ग्राम हटवा का रहने वाला है, ने लोकायुक्त रीवा कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि बीएमओ और बाबू उससे अवैध क्लीनिक चलाने की अनुमति के नाम पर 10 हजार रुपए की मांग कर रहे थे। शिकायत की पुष्टि के लिए टीम ने पहले गुप्त रूप से सत्यापन किया और रिश्वत मांगने की बात सही पाई गई।
लोकायुक्त निरीक्षक संदीप सिंह भदौरिया की अगुवाई में टीम ने रविवार को रायपुर कर्चुलियान स्वास्थ्य केंद्र में दबिश दी। जैसे ही शिकायतकर्ता ने तय रकम के 8 हजार रुपए सौंपे, टीम ने मौके पर दोनों को पकड़ लिया। ऑफिस के अंदर ही दोनों आरोपियों के पास से रकम बरामद की गई। इसके बाद मौके पर ही पंचनामा की कार्रवाई की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
अब होगी गहन जांच
लोकायुक्त अधिकारियों ने बताया कि दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। टीम अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस तरह की वसूली का कोई और नेटवर्क भी स्वास्थ्य विभाग में सक्रिय है। फिलहाल डॉक्टर कल्याण सिंह और बाबू शिवशंकर तिवारी दोनों से पूछताछ जारी है। इस कार्रवाई के बाद से रायपुर कर्चुलियान ब्लॉक में अफसरों और कर्मचारियों में खलबली मची है। कई कर्मचारी जांच से बचने के लिए रिकॉर्ड खंगालने और सफाई देने में जुट गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में लंबे समय से रिश्वतखोरी की बातें सुनने में आ रही थीं, लेकिन पहली बार किसी कार्रवाई ने सबको हैरान कर दिया।
लोग बोले
गांव वालों का कहना है कि ऐसे अफसरों पर लगाम लगनी जरूरी थी। जयप्रकाश गुप्ता की हिम्मत से यह मामला उजागर हुआ, नहीं तो रिश्वतखोरी का खेल ऐसे ही चलता रहता। लोकायुक्त की इस कार्रवाई को लोग “जनता की जीत” बता रहे हैं।
