रीवा में शुक्रवार को लोकायुक्त टीम ने एक ऐसी कार्रवाई की, जिसने पूरे इलाके में भ्रष्टाचार को लेकर नई चर्चा छेड़ दी। बड़ोखर हल्के के पटवारी हंसराज पटेल और सर्वेयर आशुतोष त्रिपाठी को 4,800 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख के निर्देश और डीआईजी मनोज सिंह के मार्गदर्शन में की गई।
शिकायतकर्ता राजेंद्र साहू, निवासी बड़ोखर, अपनी पत्नी के नाम खरीदी गई 0.091 हेक्टेयर जमीन का नक्शा तरमीम और नामांतरण कराना चाहता था। पटवारी लगातार 6,000 रुपए की रिश्वत मांग रहा था। थक हारकर राजेंद्र ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत को गंभीर मानते हुए लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक ने तुरंत सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कराई।
सत्यापन में खुला पूरा खेल
सत्यापन के दौरान साफ हुआ कि पटवारी हंसराज और सर्वेयर आशुतोष दोनों ने मिलकर 4,800 रुपए की रिश्वत तय की थी। शिकायतकर्ता पर जल्द से जल्द भुगतान का दबाव भी बनाया जा रहा था। सत्यापन सही पाया गया तो 21 नवंबर को ट्रैप की योजना तैयार की गई और टीम को मौके पर भेजा गया। दोपहर में जैसे ही शिकायतकर्ता ने राघवेंद्र सिंह ठाकुर के घर के सामने तय रकम दोनों अधिकारियों को सौंपी, लोकायुक्त टीम ने दबिश दे दी। कार्रवाई इतनी तेज और सटीक थी कि दोनों आरोपी नकदी हाथ में लिए ही पकड़े गए। कोई बचाव या बहाना बनाने का मौका भी नहीं मिला।
12 सदस्यीय टीम ने किया ऑपरेशन
इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व निरीक्षक एस. राम मरावी ने किया। उनके साथ उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार सहित 12 सदस्यीय टीम मौके पर मौजूद रही। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। ट्रैप के बाद पूरे क्षेत्र में चर्चा है कि सरकारी कामकाज में फैला रिश्वतखोरी का खेल आखिरकार उजागर हुआ। ग्रामीणों ने लोकायुक्त की कार्रवाई की जमकर सराहना की और कहा कि ऐसे कदम ही भ्रष्ट अफसरों के हौसले तोड़ सकते हैं। रीवा में हुई यह कार्रवाई उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण है, जो रोजाना छोटे-बड़े कामों के लिए भ्रष्टाचार की मार झेलने को मजबूर होते हैं।
