MP सरकार ने शहरों में सालों से सरकारी जमीन पर झुग्गी बनाकर रहने वाले गरीब परिवारों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर ली है। गुरुवार से पूरे प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में उन परिवारों का सर्वे शुरू हो गया है, जो 31 दिसंबर 2020 तक किसी सरकारी, नगर निगम या विकास प्राधिकरण की जमीन पर अस्थायी या कच्चे मकान में रह रहे थे। यह सर्वे लगातार 13 दिसंबर तक चलेगा।
नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त संकेत भोंडवे ने बताया कि इस बार सरकार बिल्कुल साफ और पारदर्शी तरीके से पूरी प्रक्रिया आगे बढ़ा रही है। सर्वे टीमों में राजस्व अधिकारी और नगरपालिका के कर्मचारी साथ मिलकर घर-घर जाकर जानकारी जुटाएंगे। इसमें परिवार के दस्तावेज, आधार आधारित e-KYC और समग्र आईडी की जांच की जाएगी।
सर्वे पूरा होने के बाद हर नगरीय निकाय यह बताएगा कि उनके क्षेत्र में कितने परिवार पहले से काबिज थे और अब पट्टा पाने के हकदार हैं।
कानून में संशोधन
सरकार ने पुराने कानून में बदलाव करते हुए पात्रता की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2020 तय कर दी है। पहले यह अवधि काफी पुरानी थी, जिससे कई परिवार लाभ से बाहर रह जाते थे।
अब प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के अंतर्गत बीएलसी और एएचपी जैसे प्रोजेक्टों को भी इसी संशोधन से मजबूती मिलेगी। सर्वे के बाद 14 दिसंबर को शुरुआती सूची सार्वजनिक की जाएगी। लोगों के आपत्तियां-सुझाव सुनकर 29 दिसंबर को जिला कलेक्टर अंतिम सूची जारी करेंगे। यह सूची जिला कार्यालयों की वेबसाइट और mpurban.gov.in पर भी उपलब्ध रहेगी।
4 जनवरी से 20 फरवरी के बीच बंटेंगे पट्टे
अंतिम सूची के बाद सबसे महत्वपूर्ण चरण शुरू होगा। 4 जनवरी 2026 से 20 फरवरी 2026 के बीच पात्र परिवारों को जमीन के पट्टे बांटे जाएंगे। स्थायी पट्टे लाल रंग में और अस्थायी पट्टे पीले रंग में दिए जाएंगे। जहां झुग्गियों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करना जरूरी होगा, वहां समितियों के फैसले के अनुसार लोगों को वैकल्पिक जगह दी जाएगी। सरकार ने साफ किया है कि जिन क्षेत्रों में स्थायी पट्टे दिए जाएंगे, वहां सड़क, पानी, नाली, बिजली जैसी आधारभूत सुविधाएं प्राथमिकता से विकसित की जाएंगी। साथ ही, यदि कोई व्यक्ति गलत कागज या धोखाधड़ी से पट्टा लेने की कोशिश करता पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और उसे ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
