MP में पंचायत चुनाव से पहले ही वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों के आरोप तेज हो गए हैं। सतना ज़िले की नागौद नगर पंचायत से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां वार्ड क्रमांक 6 के मकान नंबर 122 को वोटरों का ‘हब’ बना दिया गया है। आरोप है कि इस एक ही घर पर पूरे 89 वोटरों के नाम दर्ज कर दिए गए हैं।
मामला कैसे खुला?
स्थानीय लोगों ने जब वोटर लिस्ट देखी तो हैरान रह गए। एक ही पते पर पूरे मोहल्ले के लोग दर्ज दिखे। जब पड़ताल हुई तो पता चला कि यह मकान एक विधायक प्रतिनिधि का है। यहीं से पूरा बवाल शुरू हुआ। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर एक ही मकान में इतने सारे लोग कैसे रह सकते हैं?
वोटरों की लिस्ट पर उठे सवाल
वोटर लिस्ट के पन्नों में साफ दिख रहा है कि अलग-अलग मोहल्लों और परिवारों के नाम मकान नंबर 122 पर चढ़ा दिए गए हैं। नीचे दी गई तालिका में देखें:
| मकान नंबर | दर्ज वोटर | असलियत |
| 122 (वार्ड 6, नागौद) | 89 वोटर | ज्यादातर बाहर के लोग, एक ही घर में दर्ज |
यह स्थिति साफ तौर पर गड़बड़ी और फर्जीवाड़े की ओर इशारा करती है।
स्थानीय लोगों का आरोप
निवासियों का कहना है कि इस तरह की गड़बड़ी चुनाव को प्रभावित करने की साज़िश है। लोग इसे ‘वोट बैंक मैनेजमेंट’ बता रहे हैं। विपक्षी दलों ने भी चुनाव आयोग से तत्काल जांच और फर्जी वोट हटाने की मांग उठाई है।
🚨 नागौद नगर पंचायत — वोटों की गड़बड़ी? 🚨
वार्ड नं. 6 के मकान नंबर 122 पर दर्ज 89 वोटर ❗
क्या सचमुच इतने लोग एक ही घर में रहते हैं❓
📰 पेपर कटिंग संलग्न है, जिसमें वही घर और पूरा विवरण मौजूद है।@BJP4India @BJP4MP — क्या यही है आपका वोट बैंक मैनेजमेंट?
लोकतंत्र को मज़ाक़ मत… pic.twitter.com/4xsd8ZfhQU— Mukesh Nayak (@mukeshnayakINC) September 19, 2025
लोकतंत्र का मज़ाक?
ऐसे मामलों से चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जब एक विधायक प्रतिनिधि का घर ही वोटरों का ‘अड्डा’ बन जाए तो आम जनता के विश्वास पर गहरी चोट लगती है।
| क्रमांक | वोटर आईडी | नाम | पिता / पति का नाम | घर संख्या |
| 701 | XNZ2746179 | प्रीति बाई | पति नंदकिशोर | 122 |
| 702 | XNZ2265797 | गीता बाई | पति रामलाल | 122 |
| 703 | XNZ2216975 | अनिता बाई | पति घनश्याम | 122 |
| 704 | XNZ2255672 | सुनीता बाई | पति माखन | 122 |
| 705 | XNZ2344608 | सावित्री बाई | पति कमलेश | 122 |
अब पूरा मामला चुनाव आयोग के पाले में है। देखना यह होगा कि आयोग इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है। क्या फर्जी वोट तुरंत हटेंगे या फिर यह गड़बड़ी यूं ही अनदेखी रह जाएगी?
