मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बिजली कंपनी के स्मार्ट मीटर के खिलाफ बड़े प्रदर्शन की तैयारी चल रही है। मध्यप्रदेश बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। एसोसिएशन का कहना है कि 6 अक्टूबर को बिजली उपभोक्ताओं की 11 मांगों को लेकर प्रदर्शन होगा।
मुख्य शिकायतें
स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं की मुख्य शिकायतें ये हैं कि मीटर प्री-पेड सिस्टम पर काम करता है, जो उपभोक्ता की सहमति के बिना लगाया गया। मीटर से जुड़ी सभी मॉनिटरिंग सेंट्रल सिस्टम के जरिए होती है, जिससे यूनिट में छेड़छाड़ की आशंका रहती है। टाइम ऑफ डे (TOD) के अनुसार अलग-अलग समय पर अलग दर से बिल बनता है, जिससे बिल बढ़ जाता है।
यदि मीटर खराब हो जाए तो नया मीटर उपभोक्ता को खुद खरीदना पड़ता है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ता है। बिल न भरने पर तुरंत बिजली काट दी जाती है और कनेक्शन वापस जोड़ने के लिए 350 रुपए वसूले जाते हैं, जबकि सिक्योरिटी राशि पहले से विभाग के पास होती है।
इसके अलावा, बिल की हार्ड कॉपी नहीं दी जा रही, जिससे अशिक्षित उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। कई उपभोक्ताओं के पास स्मार्टफोन या इंटरनेट भी नहीं है। साथ ही, कई उपभोक्ताओं का अनुबंध पोस्टपेड मीटर का है, फिर भी उन्हें प्री-पेड मीटर लगाया गया।
11 मांगें
- बिजली क्षेत्र में निजीकरण की नीति रद्द की जाए।
- बिजली संशोधन विधेयक 2022 को पूरी तरह रद्द किया जाए।
- स्मार्ट मीटर लगाने की नीति वापस ली जाए।
- उपभोक्ताओं को बिल की हार्ड कॉपी दी जाए और पोस्टपेड सिस्टम ही लागू रहे।
- जहाँ स्मार्ट मीटर लगे हैं, उन्हें हटाकर पुराने डिजिटल मीटर लगाए जाएं।
- स्मार्ट मीटर के विरोध में दर्ज FIR और केस रद्द किए जाएं।
- जिन उपभोक्ताओं के अनुचित बिल आए, उन्हें रद्द किया जाए।
- भविष्य में सभी उपभोक्ताओं को सही और पारदर्शी बिल दिए जाएं।
- बिजली दरों में कटौती की जाए ताकि गरीब भी समय पर बिल भर सकें।
- जो उपभोक्ता तत्काल बिल न भर सकें, उन्हें 3 माह की राहत दी जाए और कनेक्शन न काटा जाए।
- सभी उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाए।
एसोसिएशन ने कहा कि इन मांगों को नहीं माना गया तो वे और बड़ा आंदोलन करेंगे। प्रदर्शन में उपभोक्ताओं की भारी उपस्थिति की उम्मीद है।