MP में भावांतर योजना के तहत सोयाबीन किसानों के लिए 1 दिसंबर 2025 का नया मॉडल रेट जारी कर दिया गया है। राज्य सरकार ने सोमवार को यह रेट 4239 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया। यह वही आधार मूल्य है, जिसके अनुसार किसानों को मिलने वाली भावांतर राशि की गणना की जाएगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि मंडियों में उपज बेचने वाले किसानों को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार लाभ दिया जाएगा।
भावांतर योजना का मूल उद्देश्य
राज्य सरकार की भावांतर योजना का मुख्य मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनकी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP से कम राशि न मिले। सोयाबीन के लिए सरकार ने इस वर्ष MSP 5328 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। यदि बाजार मूल्य इससे नीचे रहता है, तो दोनों कीमतों के अंतर की भरपाई किसानों को सीधे सरकार द्वारा की जाती है। यही वजह है कि प्रतिदिन जारी होने वाला मॉडल रेट इस योजना की आधारशिला माना जाता है।
1 दिसंबर से पहले नवंबर महीने में सोयाबीन के मॉडल रेट में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला। 7 नवंबर को 4020 रुपए प्रति क्विंटल के शुरुआती रेट से शुरुआत हुई थी। उसके बाद 8 नवंबर को यह 4033 रुपए पहुंचा, जबकि 9 और 10 नवंबर को 4036 रुपए का समान रेट बना रहा। इसके बाद 11 नवंबर को रेट 4056 रुपए तक बढ़ गया।
मध्य नवंबर में तेजी
महीने के मध्य तक आते-आते सोयाबीन के मॉडल रेट में लगातार बढ़ोतरी हुई। 12 नवंबर को 4077 रुपए, 13 नवंबर को 4130 रुपए और 14 नवंबर को 4184 रुपए का भाव तय हुआ। 15 नवंबर को यह पहली बार 4200 के पार गया और 4225 रुपए पर पहुंचा। 16 और 17 नवंबर को इसमें मामूली उतार-चढ़ाव दिखा, और रेट क्रमशः 4234 व 4236 रुपए पर रहा।
आखिरी हफ्ते में गिरावट
18 नवंबर के बाद रेट में थोड़ी तेजी और फिर नरमी दर्ज की गई। 18 नवंबर को 4255 रुपए, 19 नवंबर को 4263 रुपए और 20 नवंबर को 4267 रुपए रहा। 21 और 22 नवंबर को रेट 4271 और 4285 रुपए तक पहुंचा, जो नवंबर का लगभग उच्चतम स्तर रहा। इसके बाद 23 और 24 नवंबर को भाव 4282 रुपए पर स्थिर रहा, लेकिन 25 नवंबर से लगातार गिरावट का दौर शुरू हुआ। 25 नवंबर को 4277 रुपए, 26 को 4265 रुपए, 27 को 4252 रुपए, 28 को 4260 रुपए, 29 को 4240 रुपए और 30 नवंबर को रेट घटकर 4237 रुपए रह गया।
किसानों को MSP की गारंटी
राज्य सरकार ने पुनः दोहराया है कि किसानों को किसी भी परिस्थिति में 5328 रुपए प्रति क्विंटल से कम मूल्य नहीं मिलेगा। यदि बाजार में कीमत मॉडल रेट के आस-पास ही रहती है, तब भी समर्थन मूल्य का पूरा लाभ किसानों को दिया जाएगा। सरकार के अनुसार, भावांतर योजना का उद्देश्य केवल अंतर भरना नहीं, बल्कि किसान की आय को स्थिर और सुरक्षित रखना है।
